भारत में कई खूबसूरत और प्राचीन मंदिर हैं, जिनकी अलग-अलग कहानियां हैं। ककनमठ मंदिर एक ऐसा ही मंदिर है, आपको जानकर हैरानी होगी कि इस विशाल मंदिर का निर्माण रातो-रात हो गया। ककनमठ मंदिर ग्वालियर शहर से लगभग 70 किमी दूर सिहोनिया और मुरैना में स्थित है। जो देश-विदेश में मुख्य आकर्षण है। ऐसे में हम आपको बताते हैं इस प्राचीन मंदिर के बारे में, जिसे भूतों का मंदिर कहा जाता है। जानिए इस मंदिर के बारे में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-
यह सिय्योन से दो किलोमीटर दूर है। काकनमठ मंदिर भले ही दुनिया के सात अजूबों में शामिल न हो, लेकिन इस रहस्यमयी मंदिर की खासियत यह है कि जो भी इसके बारे में सुनता है, उसका दर्शन करने का मन करता है। सिय्योन से मंदिर लगभग दो किलोमीटर दूर है। इसके अलावा यह मंदिर जमीन से करीब 115 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। इस मंदिर में प्रवेश करते ही आपको जमीन पर मंदिर के टूटे हुए खंडहर दिखाई देंगे।
ककनमठ मंदिर को बनाने के लिए सीमेंट की किसी गाड़ी का इस्तेमाल नहीं किया गया था। सभी पत्थरों को एक के ऊपर एक रखा जाता है। इस मंदिर का संतुलन चट्टान पर इस तरह किया गया है कि तूफान इसे हिला नहीं सकता।
भारत के पुरातत्व ने ककनमठ मंदिर की सीढ़ियों के पास एक पत्थर पर इसकी कहानी लिखी है, जिससे आप इस मंदिर के बारे में अधिक जान सकते हैं। यह प्राचीन मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। मंदिर में प्रवेश करने से पहले दोनों तरफ कई खंभे हैं।
इसे भूतों का मंदिर क्यों कहा जाता है
इस मंदिर को लेकर लोगों का मानना है कि इसे भूतों ने बनाया है। जिसे एक रात में पूरा किया गया था। कहते हैं कि मंदिर बनाते-बनाते सुबह हो गई और फिर इसके निर्माण को फिर बीच में छोड़ना पड़ गया।