बारां 13 अक्टूबर। गुरूवार की रात्रि डोल मेला रंगमंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की अंतिम कड़ी में आयोजित हुई खाटू श्याम भजन संध्या यादगार साबित हुई। गायक कलाकार महेन्द्र अलबेला और दिव्या ज्योति तथा दीक्षा राठौर के मीठे भजनों से हजारों श्रोता देर रात तक भक्तिरस में गोते लगाते रहे।
हारे के सहारे, खाटू श्याम हमारे की पूजा अर्चना के बाद गायक कलाकार महेन्द्र अलबेला ने हारे के सहारे आजा, सांवरा मेरे साथ है, हीरां मोती सूं नजरां उतार दू…. बांस की बांसुरी पर तु घणों इतरावे जैसे भजनों की झड़ी लगाकर दर्शकों कोे भाव विभोर कर दिया और वे सुधबुध खोकर पांड़ाल में नृत्य करने लगे। दर्शकों ने अलबेला को इतना पसंद किया की उन्हे जनता की मांग पर चार मंच पर आकर भजनों की प्रस्तुतियां दी।
प्रसिद्ध गायिका दिव्या ज्योति ने अपने मधुर भजनों से दर्शकों में तालियों का पहाड़ खड़ा हो गया। उनके साथ दीक्षा राठौर ने भी भजन गाना शुरू किया तो रात्रि दो बजे तक विराम नही लिया। हजारों महिला पुरूषों ने भी उनका भरपूर साथ दिया। खचाखच भरे पंडाल में हर भजन पर दर्शक नृत्य करते रहे और बार-बार खडे होकर श्याम की स्तुति करते रहे। सांवरा तेरे साथ है… भजन पर मंच पर उपस्थित शिवशंकर यादव, प्रदीप विजय सहित परिषद के कर्मचारी भी अपने आप को रोक नही सकें और सम्मोहित होकर भक्तिभाव से नृत्य करने को मजबूर हो गये। भोला भांग खाओगे कि भंग खाओगे….. सावरें से मिलने का सत्संग ही बहाना है…। कीर्तन की है रात, दरबार सज्यों प्यारों है….. जैसे नाॅनस्टाॅप भजनों ने दर्शकों के मानस पटल पर गहरा असर डाला। मंच पर खाटू बाबा का आकर्षक दरबार सजाया गया था जिसके दर्शन हेतु आयोजन के अन्त तक भक्तजन मंच आकर पूजा अर्चना और भेंट चढ़ाते रहे। कार्यक्रम के पूर्व शिवशंकर यादव, प्रदीप विजय आदि ने सभी कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने स्वंय उपस्थित रह कर पुलिस व्यवस्था संभाली।
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