राज्यसभा सांसद और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधाशुं त्रिवेदी ने बुधवार को कांग्रेस द्वारा बीजेपी की सरकारी मीडिया को दिए गए सात आश्वासनों को झूठा करार दिया. उन्होंने कहा कि इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार को गिराने पर पूरी सहमति है. चुनाव नजदीक आते ही कांग्रेस न सिर्फ जीत से डर रही है बल्कि पूरी तरह आश्वस्त है. जब इंसान को अपनी जीत नजर आने लगती है तो उसे अपने पाप भी याद आने लगते हैं। इन लोगों द्वारा बनाये गये इंडी गठबंधन की महिलाओं के प्रति जदयू नेता नीतीश कुमार का घृणित रवैया साफ दर्शाता है कि यह गठबंधन अस्तित्वहीन विस्फोटक बन चुका है.
त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने अंग्रेजी स्कूलों को अनुमति दे दी है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर स्कूलों में 58 फीसदी पद खाली हैं. बिना तैयारी के शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई, लेकिन अब शिक्षक संघ तबादले की मांग करने लगा है. क्या 20,000 स्कूल खोलने का वादा करने वाली कांग्रेस सरकार के पास इसका जवाब है कि उसने कितने स्कूल खोले? नई शिक्षा नीति के तहत बीजेपी प्राथमिक शिक्षा को मातृभाषा में पढ़ाने की वकालत कर रही है तो कांग्रेस को आजादी के 75 साल बाद अंग्रेजी की याद आने लगी है. 2018 के घोषणा पत्र में 93,000 मुफ्त लैपटॉप बांटने के वादे का क्या हुआ? बेरोजगारी भत्ते का क्या हुआ?
त्रिवेदी ने कहा कि कांग्रेस ने आपदा राहत के लिए बीमा कवरेज सुनिश्चित करने की बात तब की है जब आयुष्मान भारत योजना शुरू हो चुकी है। उनकी 25 लाख रुपये की बीमा पॉलिसी से एक भी व्यक्ति को लाभ नहीं होगा। महिलाओं के लिए गृहलक्ष्मी योजना की बात करने वालों ने क्या किया? ओपीएस की बात करने वाली कांग्रेस दस साल तक केंद्र में रही और राजस्थान में बस गई, उन्हें इसकी याद क्यों नहीं आती? त्रिवेदी ने कहा कि हिमाचल और कर्नाटक में भी कांग्रेस झूठ के दम पर सत्ता में आई, लेकिन लोग अब पछता रहे हैं.
कांग्रेस ने इन पांच वर्षों में राजस्थान को केवल सात वादे दिए हैं: अपराधीकरण के खिलाफ वादा, महिलाओं को खतरे के खिलाफ वादा, दलित अत्याचार के खिलाफ वादा, अपराधियों की धमकियों के खिलाफ वादा, कट्टरपंथियों के बीच आंदोलन की आजादी देने का वादा, भ्रष्टाचार के ढेर के खिलाफ वादा। मुगलों पर विश्वास किया जाता है और उनका दस्तावेजीकरण करने का वादा किया जाता है। ये सारे वादे कांग्रेस ने इन पांच सालों में राजस्थान को दिए हैं.
