पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के भतीजे की हुई हार, दामाद की हुई जमानत जब्त, क्या हैं सियासी संकेत?

इस बार राजस्थान विधानसभा चुनाव में कई बड़े उलटफेर हुए. आश्चर्यजनक परिणाम भी सामने आये. अनेक दिग्गज पराजित हुए। दो सीटों को लेकर काफी चर्चा है. एक बीजेपी का चित्तौड़गढ़ और दूसरा कांग्रेस का जयपुर का सिविल लाइंस. इन दोनों सीटों पर पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत के दामाद और भतीजे मैदान में हैं. दोनों की बड़ी हार हुई है. दोनों कई बार इन सीटों से विधायक रह चुके हैं. लेकिन इस जीत का राजनीतिक असर भी दिख रहा है. राजस्थान में भैरों सिंह शेखावत की जन्म शताब्दी मनाई जा रही है.

नरपत सिंह राजवी भैरों सिंह शेखावत के दामाद हैं. बीजेपी के टिकट पर चित्तौड़गढ़ से चुनाव लड़ रहे थे. जहां पर उन्हें बड़ी हार मिली है. उनकी जमानत जब्त हो गई है. उन्हें सिर्फ 19,913 वोट मिले. 78533 वोटों से हार मिली है. वह लगातार तीन बार जयपुर जिले के विद्याधर नगर से विधायक रहे हैं। इस बार उनकी जगह राजसमंद से बीजेपी विधायक दीया कुमारी चुनी गईं।

उधर, भैरों सिंह शेखावत के भतीजे प्रताप सिंह खाचरियावास ने सिविल लाइंस सीट से बड़ी हार हुई है. यहां भैरों सिंह शेखावत के शिष्य कहे जाने वाले गोपाल शर्मा ने बड़ी जीत हासिल की. प्रताप भी यहीं से विधायक हैं. वह गहलोत सरकार में मंत्री भी थे. गोपाल शर्मा पेशे से पत्रकार हैं. उन्हें भैरों सिंह शेखावत का करीबी माना जाता है. इस बार प्रताप को सिर्फ 70,332 वोट मिले, जबकि पहले प्रत्याशी रहे गोपाल शर्मा को 98,661 वोट मिले. इस बार इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर थी. जिसमें यह परिणाम आया है.

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