दहेज हत्या के मामले में 12 साल के इंतजार के बाद आए इस फैसले में कोर्ट ने पति को 10 साल जेल और सास, ससुर और भाई को तीन साल की सजा सुनाई है. दौसा के बांदीकुई में 12 साल बाद आए फैसले में पति और ससुर के साथ-साथ सास को भी जेल की सजा सुनाई गई. मामला साल 2011 में शुरू हुआ, जब नितिन, जिस पर उसके परिवार वालों ने आरोप लगाया था, ने अपनी पत्नी प्रीति को जहर देकर मार डाला क्योंकि वह दहेज में कार नहीं लेकर आई थी।
बांदीकुई विशिष्ट जिला न्यायालय एवं सेशन न्यायालय क्रमांक 2 ने गुरुवार को आरोपी को विचारण एवं सजा लंबित रहने तक जेल की सजा सुनाई। अपर लोक अभियोजक राजेश भड़ाना ने बताया कि परिवादी फिरोजाबाद के सिरसागंज निवासी अनिल कुमार शर्मा ने बांदीकुई पुलिस में मामला दर्ज कराया है. 7 अक्टूबर 2011 को उनकी बेटी प्रीति की शादी नंदगांव में रहने वाले नितिन कुमार शर्मा से हुई। शादी में करीब 10 लाख रुपये खर्च करने के बावजूद शादी के बाद पति नितिन, सास पूनम, जेठ राजकुमार और देवर सचिन ने प्रीति से मारपीट की।
इसके चलते उसने 7 अक्टूबर 2011 को जहर देकर प्रीति की हत्या कर दी। इस रिपोर्ट के आधार पर जांच अधिकारी ने चारों आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज कराया और उन पर कार मांगने और पैसों के लिए हत्या करने का आरोप लगाया. इसमें अपर जिला एवं सत्र न्यायालय के न्यायाधीश द्वितीय सुनील कुमार गुप्ता ने आज आरोपी नितिन शर्मा को 10 साल की सजा सुनाई. तथा सास पूनम शर्मा, ससुर राजकुमार शर्मा, पति नितिन व देवर सचिन को दहेज की मांग करने के जुर्म में 3 वर्ष की सजा व 5 हजार जुर्माना लगाकर फैसला सुनाया।