बूंदी राजस्थान 20 अप्रैल
संवादाता शिवकुमार शर्मा |
गर्मियां शुरू हो गई है, इन दिनों नन्हें पक्षी भी आपके आंगन आएगें, पानी और दाने से भरा मिट्टी का बर्तन या सकारो आंगन में रखे ताकि उन्हें राहत मिल सके और हमारी अगली पीढ़ी को अच्छे संस्कार मिल सके कुछ इसी तरह से जागरूकता भरे संदेश के साथ उमंग संस्थान की ओर से परिण्ड़ा अभियान का शुभारंभ विकास नगर से किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ इतिहासकार एवं लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड से सम्मानित डॉ.एस. एल. नागौरी मुख्य अतिथि तथा ईश्वर झंवर विशिष्ट अतिथि रहे। इस अवसर पर डॉ.एस. एल. नागौरी ने गर्मियों के मौसम में बेजुबान पंछियों के लिए की गई सेवा को परमार्थ की सेवा बताते हुए परिंडे बांधकर उनमें पानी भरा तथा नियमित जल सेवा की व्यवस्था की। इस अवसर पर ईश्वर झंवर ने सपत्नीक परिंडा बांधकर जल भरा तथा अभियान की प्रशंसा की।
डॉ नागौरी ने पक्षियों के संरक्षण की परम आवश्यकता बताते हुए कहा कि यदि आज हम गौरैया के लिए नहीं जागे तो कुछ ही वर्षो में यह पृथ्वी से समाप्त हो जाएगी। वर्तमान दौर में जहाँ ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के चलते सम्पूर्ण संसार का प्राणी संकट में आ रहा हैं, वहीं इन बेजुबानों की परवाह किसी को नहीं हैं, जबकि यह बेजुबान पक्षी मानव और प्रकृति के बीच मध्यस्थता की भूमिका का निर्वाह करते हैं। उन पक्षियों मे गौरेया ऐसा जीव हैं, जो मानव के लिए प्रकृति का अग्रदूत हैं, जो मानवीय संवेदनाओं को प्रकृति तक पहुँचाती हैं।
इस दौरान संस्था के प्रभारी मनोज सोनी व कुश जिंदल ने अतिथियों का माल्यार्पण कर अभिनंदन किया। उपाध्यक्ष लोकेश जैन ने संस्थान का प्रतिवेदन प्रस्तुत करते हुए कहा कि 15 वर्षो से संस्थान द्वारा नियमित रूप से प्रतिवर्ष इन बेजुबान पंछियों की सेवार्थ परिण्ड़े जुलाई माह तक नियमित रूप से बांधे जाते है। कार्यक्रम का संचालन डॉ सर्वेश तिवारी ने किया तथा आभार सचिव कृष्ण कान्त राठौर ने किया।