पसुन्द में शराबबंदी अभियान को असफल करने के लिए जिला आबकारी अधिकारी द्वारा की जा रही अनियमितता को लेकर ग्रामीणों ने सौंपा कलेक्टर को ज्ञापन एवं हाई कोर्ट से जारी किया नोटिस

राजसमन्द। पसुन्द पंचायत में पूर्णतया शराबबंदी को लेकर आज सरपंच अयन जोशी ने ग्रामवाशियो के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया जिसमें बताया गया कि आये दिन निर्मल ग्राम पंचायत पसुन्द में शराब के कारण कई लोगो का जीवन नष्ट हो रहा है । एक व्यक्ति शराब पीकर अपना जीवन तो बर्बाद कर ही देता है पर वह ये नही सोचता कि उसके पीछे बेवजह उसका पूरा परिवार किस कदर दर दर की ठोकरे खाने पर मजबूर हो जाता है । इसी दरमियान एक 20 साल के युवक ने अपनी 18 साल की पत्नी को शराब के नशे में सर पर डंडे से वार करते हुए मौत के घाट उतार दिया । और जब सुबह उसका नशा उतरा तो वह पश्चयाताप के अलावा कुछ नही कर सका । आये दिन ऐसी घटनाओं से पसुन्द पंचायत में कई परिवार पूरी तरह से उजड़ चुके है। कुछ परिवार तो ऐसे बचे है जिनमे महिलाओं के अलावा कोई पुरुष नही बचा है । यहाँ तक कि छोटे छोटे मासूम बच्चे भी इस लत का शिकार हो चुके है । इसी चीज़ को लेकर ग्रामीणों ने दिनांक 27/01/2023 को सरपंच अयन जोशी को ज्ञापन सौंपकर शराब के कारण आने वाली पीढ़ी का भविष्य खराब न हो इसके लिए शराब के ठेके पूर्ण रूप से बंद करवाने के लिए निवेदन किया । इस मुद्दे को सरपंच अयन जोशी द्वारा गंभीरता से लेते हुए ग्रामवासियों की पूर्ण सहमति से शराबबंदी की प्रक्रिया को शुरू करने का फैसला लिया गया । जिसके पश्चयात विधिवत प्रक्रिया का पालन करते हुए समस्त ग्रामवाशियो ने एक तरफा हस्ताक्षर कर दिनांक …. को पूर्व उप्रधान सुरेश जोशी, युवा नेता व समाजसेवी हितेश जोशी व सरपंच अयन जोशी व सहकारी समिति के उपाध्यक्ष कैलाश गुर्जर व वार्ड पंचो के नेतृत्व में करीब 1 हज़ार ग्रामवाशियो के साथ कलेक्टर को ज्ञापन सौंपते हुए शराबबंदी हेतु चुनाव करवाने का आग्रह किया था । जिस पर प्रशाशन द्वारा सभी प्रक्रियाओ का समय पर संज्ञान लेते हुए सत्यापन रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर द्वारा आबकारी आयुक्त, उदयपुर को दिनाक 03/03/2023 को पत्र जारी कर चुनाव की अग्रिम प्रक्रिया का पालन करने के लिए आदेशित किया गया था । जिसके पश्च्यात आबकारी आयुक्त, उदयपुर द्वारा दिनाक 10/04/2023 को जिला आबकारी अधिकारी राजसमन्द को रिपोर्ट बनाकर पेश करने को कहा गया । किन्तु आज 1 साल 2 महीने … हो चुके है जिला आबकारी अधिकारी राजसमन्द द्वारा आदेश की कोई पालना नही की गई । जब इनसे कारण पूछा गया तो इन्होंने शराब के ठेकेदार राजेन्द्र टांक व जितेंद्र टांक के पक्ष में बात करते हुए समझौता करने को कहा , जिसपर मना करने पर इन्होंने दबाव बनाते हुए कहा कि सरपंच स्टाम्प पर लिखकर दे कि अगर शराबबंदी होती है तो वहाँ एक भी पव्वा उसके बाद नही बिकेगा । उसके बाद सर्वे के नाम पर आबकारी विभाग राजसमन्द से 2 पुलिस वालों को सिविल ड्रेस में पंचायत भेजा गया जहाँ उन्होंने सर्वे के नाम पर ग्रामवाशियो को यह कहकर डराया कि “अगर तुम लोगो ने शराबबंदी के पक्ष में हस्ताक्षर किए है तो तुम लोगो के गेंहू ओर नरेगा बंद कर दिए जाएंगे” । जिसको लेकर ग्रामीणों, पटवारी व RI द्वारा ग्राम पंचायत में शिकायत की गई । जिसे लेकर सरपंच अयन जोशी द्वारा आबकारी विभाग में बात की तो बात को घुमाकर टाल दिया गया एवं जल्द से जल्द प्रक्रिया को पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया। कुछ समय निकलने के बाद जब आबकारी अधिकारी राजसमन्द से शराबबंदी की प्रक्रिया की अग्रिम कार्यवाही के बारे में पूछा गया तो इनके द्वारा जवाब मिलता है कि सरकार को मार्गदर्शन के लिए लिखा जाएगा उसके बाद ही आगे कुछ होगा । जिसके पश्चयात सरपंच अयन जोशी ने अधिवक्ता के जरिये नोटिस जारी कर 15 दिन के अंदर प्रक्रिया में विलंब करने का जवाब प्रस्तुत करने को कहा गया है । जिसके बाद शराब के ठेकेदार राजेन्द्र टांक व जितेंद्र टांक द्वारा जिला आबकारी अधिकारी राजसमन्द के नाम पर ग्रामवासियों को प्रलोभन देकर व डरा धमका कर शराबबंदी के विरोध करने के लिए एक खाली कागज़ पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया जा रहा है । जिसकी शिकायत कल ग्रामवाशियो द्वार की गई ।
अगर शराबबंदी नियम राजस्थान उत्पाद शुल्क (स्थानीय विकल्प द्वारा देशी शराब की दुकान बंद करना) नियम, 1975 देखा जाए तो जिला आबकारी अधिकारी का शराबबंदी की प्रक्रिया में कही कोई भूमिका है ही नही । यह सिर्फ शराबबंदी अभियान को असफल करने की भावना से किया जा रहा है । नियम ये भी कहता है कि उपखंड मजिस्ट्रेट द्वारा ग्रामवाशियो के हस्ताक्षरों का सत्यापन करने के बाद कलेक्टर द्वारा आबकारी आयुक्त को रिपोर्ट भेजने के 21 दिन के अंदर चुनाव की तारीख देना अनिवार्य है, किन्तु आबकारी अधिकारी राजसमन्द द्वारा पिछले 1 साल ओर 2 महीने से उस पत्र को जानबूझकर रोककर रखा हुआ है । अनावश्यक रूप से किया जा रहा ये विलम्ब यह दर्शाता है कि आबकारी अधिकारी राजसमन्द व शराब के ठेकेदार आपस मे मिले हुए है और अपने व्यक्तिगत निजी स्वार्थ के चलते इस शराबबंदी आंदोलन को असफल करने के लिए इनके द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है । सरपंच जोशी ने ग्रामवाशियो के साथ मिलकर आज इस ज्ञापन के जरिये कलेक्टर से जिला आबकारी अधिकारी के खिलाफ जांच करने व चुनाव की तारीख जल्द से जल्द दिलवाने का निवेदन किया । इनका यह भी कहना है कि अगर जल्द से जल्द चुनाव की तारीख नही दी गई तो परिसर के बाहर समस्त पंचायत वाशियों द्वारा बड़ी संख्या में धरना प्रदर्शन किया जाएगा ।

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Author: PRADEEP SOLANKI

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