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प्रचंड गर्मी का मौसम – आंखों के स्वास्थ्य पर सीधा अटैक

ब्यूरो चीफ दीपचंद शर्मा भरतपुर |

लोगों की जिंदगी में अंधेरे की संभावना, नेत्र रोगियों की संख्या में हर दिन इजाफा

भरतपुर, गर्मी के इन प्रचंड दिनों में कडक और चिलचिलाती घूप से तेज गर्म हवा में मौजूद उच्च स्तर का प्रदूषक तत्व और घूलकण आंखो के स्वास्थ्य पर सीधा अटैक कर जिंदगी में अंधेरा लाने का निमंत्रण दे रहे है । इस मौसम में ज्यादा समय तक तेज घूप में रहने से कॉर्निंया जलन, मोतियाबिंद और रेटिना डैमेज जैसी गंभीर बीमारियों की संभावनाएं बढ़ सकती है । सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणों से आंखों में एलर्जी एवं इंफेक्शन बढ़ने से नेत्र चिकित्सालय में रोगियों की संख्या हर रोज बढ़ती जा रही है । इनके उपचार एवं सुविधा के लिए सरकारी नेत्र चिकित्सालय में माकूल व्यवस्था कर रखी है । एस एम एस अस्पताल जयपुर के पूर्व चिकित्सक एवं राजकीय रामकटोरी नेत्र चिकित्सालय भरतपुर के वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ फेको सर्जन डा.दीपक सिंघल ने बताया कि जैसे जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है उसी रफ्तार से मौसमी नेत्र रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है, इसका मुख्य कारण गर्मी में सूरज से आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणे है, जिससे आँखों में एलर्जी होने से आँखों में खुजली के साथ आँखों का लालिमा होना, आँखों से पानी एवं गंदगी आना, जलन एवं दर्द होना, धुंधलापन होना करकराना जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है । उन्होने बताया कि बढ़ते तापमान और घूप धूल के कारण ऑखों में संक्रमण सूखापन की समस्या हो सकती है और एलर्जी एवं कंजक्टिवाइटिस की परेशानी बढ़ सकती है । आंखों को रगड़ने से आंखों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है, जिससे आंखों में खून की सुर्खी तक दिखने लगती है । वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सिंघल ने बताया कि इन दिनों मौसमी नेत्र रोग के रोगियों की संख्या ज्यादा है, अमूमन प्रति दिन दो सौ से अधिक मौसमी नेत्र रोगी चिकित्सालय पहुंच कर नेत्र रोग चिकित्सकों से परामर्श कर अपना उपचार करा रहे है । वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सिंघल ने बताया कि इस मौसम में आँखों को दिन में तीन – चार वार साफ पानी से घोए, घर से बाहर जाते समय अल्ट्रावायलेट प्रोटेक्शन वाला काला चश्मा एवं टोपी का प्रयोग जरूर करे । सस्ते चश्मा का प्रयोग न करे क्योकि सस्ता चश्मा हानिकारक किरणों को सोख नहीं पाता है, ज्यादा देर तक तेज घूप में न रहे, चेहरे पर आँखो के आस पास आने वाले पसीने को साफ कपडे से पौछे, उंगुलियों को आँखों पर नहीं लगाए, आंखों को न मसले, घूल मिट्टी व अंधड के दौरान आंखों को बचाए, दिन में कम से कम आठ – दस गिलास पानी पीए, आंखो का विशेष ख्याल रखते हुए आँखों में होने वाली किसी भी प्रकार की समस्या को गंभीरता से ले और नेत्र रोग चिकित्सक से तुरंत परामर्श करे ।
उन्होने बताया कि नेत्र रोगियों के परामर्श उपचार एवं सुविधा के लिए राजकीय रामकटोरी नेत्र चिकित्सालय का समस्त स्टाफ मुस्तैदी से अपने कार्य का निर्वहन कर रहा है ।

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