ब्यूरो चीफ़ शिवकुमार शर्मा
बारां राजस्थान
बारां 6 जुलाई। जिले की छीपाबड़ौद तहसील के ग्राम झंझनी में 7 दिन पूर्व हुए एक परिवार पर हुए जानलेवा हमले के मामले में कार्यवाही नहीं होने पर पीड़ित पक्ष ने एसपी को परिवाद सौंपा है। परिवाद में पीड़ित घनश्याम लोधा पुत्र लक्ष्मीनारायण निवासी झंझनी ने बताया कि 29 जून को रात्रि 7-9 बजे वह अपने घर पर ही था। इस दौरान गांव का ही जगदीश पुत्र दयाराम उसके मकान के सामने आकर गाली गलौच करने लगा। जिसका उसने विरोध किया तो आरोपी ने गंडासी से उस पर हमला कर दिया। जिससे पीड़ित के सिर में गंभीर चोट आ गई तथा खून बहने लगा। प्रार्थी अपना बचाव कर वहां से जाने लगा, तो आरोपी जगदीश उसके आड़े फिर गया। आरोपी व उसके चारों पुत्र रामप्रसाद, परमानंद, दीपू व चैनसिंह तथा उसकी पत्नी दाखाबाई हाथों में लकड़ी, कुल्हाड़ी व सब्बल लेकर आ गए। तब प्रार्थी को बचाने के लिए उसकी पुत्री कुसुम आई तो उसके साथ भी आरोपी रामप्रसाद ने कुल्हाड़ी से मारपीट की। जिसके उसके सिर में चोट आ गई और खून बहने लगा। इसके बाद बीच-बचाव के लिए प्रार्थी की पत्नी व राजूबाई दौड़कर आई तो उनके साथ परमानंद, दीपू व चैनसिंह ने लकड़ी से मारपीट की। जिससे उनके भी चौटें आ गई। हमले में पीड़ित पक्ष के सभी सदस्यों के चोटें आई थी। परिवाद में प्रार्थी ने बताया कि उसकी बेटी व पुत्रवधु के साथ मौके पर मांगीलाल पुत्र रंगलाल लोधा व रंगलाल पुत्र लक्ष्मीनारायण लोधा बीच-बचाव नहीं करते तो आरोपी उसे जान से मार देते। इस दौरान आरोपियों ने पथराव भी किया और अपशब्द कहे। पथराव से बादाम बाई सहित अन्य परिवारजनों के चोटे आ गई।
परिवाद में बताया गया कि इससे पूर्व दिन प्रार्थी की पुत्री कुसुम, पत्नी पुष्पा बाई व पुत्रवधु राजूबाई पत्नी रामफूल खेत पर काम कर रही थी। आरोपी जगदीश ने मेरे खेत की मेड़ से लेकर 2-3 फीट अंदर तक कब्जा करने की नीयत से बाड़ अंदर सरका दी। जिसका विरोध करने पर आरोपी रामप्रसाद, चैनसिंह, दीपू व दाखाबाई ने लकड़ी, लोहे के सरिये व कुल्हाड़ी से प्रार्थी की पुत्री कुसुम, पत्नी पुष्पा बाई व पुत्रवधु राजूबाई पत्नी रामफूल के सिर पर चोट आई। जिसकी सूचना मेरे पुत्र रामफूल को मिली तो वह छीपाबड़ौद से काम करते हुए खेत पर गया। तीनों घायलों को लेकर वह हरनावदाशाहजी पुलिस थाने में रिपोर्ट दर्ज कराने गया।
प्रार्थी ने बताया कि पुलिस ने जानलेवा हमले के बावजूद भी केवल सामान्य धाराओं में मामला दर्ज किया है। वहीं आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। जिससे आरोपियों के हौंसलें बुलंद है। इसलिए आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाए।