संवाददाता जेपी मराहनिया
गुढागोड़जी।
क्षेत्र की प्रसिद्ध प्राचीन वैष्णव संतो की तपोस्थली बामलास धाम में महंत लक्ष्मण दास महाराज के सानिध्य में महिलाओं द्वारा भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा रघुनाथ जी मंदिर से डीजे के साथ रवाना होकर कथास्थल पहुंची। तत्पश्चात शीलपुर धुलिया महाराष्ट्र के कथावाचक शुशीलानंद महाराज द्वारा सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ किया गया। रविवार को कथा में गोकण महात्मय का वर्णन धुंध कारी का उद्धार आदि वर्णन करते हुए कथावाचक ने कहा कि मानव जीवन मिलना बहुत ही दुर्लभ है। मनुष्य जन्म के लिए तो देवता भी तरसते हैं। इसलिए मनुष्यजन अपने जीवन को व्यर्थ नहीं गंवाएं। हमेशा संत महात्माओं की शरण में रहकर परमात्मा की भक्ति और सत्य के मार्ग पर चलते हुए सत्कर्म करें। क्योंकि संत महात्माओं और सद्गुरु का दर्जा भगवान से भी बड़ा है। हमेशा सच्चे गुरु की शरण में रहते हुए भक्ति मार्ग पर चलते हुए कर्म करते रहे आपके जीवन में कभी कठिनाईयां नहीं आएंगी। महंत लक्ष्मण दास महाराज ने कहा कि परमात्मा की कथा सुनने से मन और आत्मा को शांति मिलती है तथा हमेशा सत्कर्म करने की प्रेरणा मिलती है। आज की कथा के मुख्य यजमान कुलदीप जाखड़ दंपति रहे। कथा में छोटूराम कबाड़ी उदयपुरवाटी द्वारा उपस्थित भक्तों को फलाहार का प्रसाद वितरित किया गया। कथा प्रतिदिन सवा 12 बजे से शाम सवा 4 बजे तक चलेगी। इस दौरान बाबूलाल शर्मा, मुकेश कुलहरी, हीरालाल मीणा, राजेश गोदारा, विकास रेपसवाल, अमरसिंह राव, ताराचंद सेन, गोरीशंकर शर्मा, कैलाश शर्मा, सत्यवीर शर्मा, नीमीचंद भादवाड़ी, माड़ूराम मीणा, नरपत स्वामी, गोरी शंकर शर्मा,चतरु राम महरानियां, विजेन्द्र लंमोड़, श्रवण शर्मा, राजेश स्वामी, दीपसिंह शेखावत, लाल सिंह शेखावत सहित काफी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।