बूंदी जिले के हिण्डोली क्षेत्र में अंधविश्वास के चलते एक अमानवीय घटना सामने आई है। पेट दर्द का इलाज करने के बहाने एक महिला को पेड़ से बांधकर गर्म सलाखों से दागा गया। पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर कथित भोपा और अन्य आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़ित महिला का स्थानीय अस्पताल में इलाज जारी है।
क्या है पूरा मामला?
पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह पेट दर्द से परेशान थी। किसी ने उसे सलाह दी कि ग्राम खासहाली के बापजी के देवस्थान पर जाने से उसकी बीमारी ठीक हो सकती है। इस पर वह 24 नवंबर को अपने बेटे के साथ देवस्थान पर पहुंची। वहां मौजूद बाबूलाल, सोनू, गोरी देवी समेत अन्य आरोपियों ने कथित तौर पर भाव आने के बाद महिला को पकड़ लिया। उन्होंने लोहे की गर्म सलाखों से उसके शरीर पर जगह-जगह दाग दिया।
डायन बताकर की गई प्रताड़ना का आरोप
महिला ने यह भी आरोप लगाया कि उसे डायन बताकर हाथ-पैर बांध दिए गए और सिर के बाल काटने के बाद पूरे गांव में घुमाया गया। इसके बाद उसे दोबारा देवस्थान पर लाकर पेड़ से बांध दिया गया और यह कहकर छोड़ दिया गया कि वह एक दिन में ठीक हो जाएगी। जब हालत में सुधार नहीं हुआ, तो आरोपी उसे 25 नवंबर की रात गांव के बाहर छोड़ गए।
पुलिस की कार्रवाई
हिण्डोली थाना प्रभारी पवन मीणा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। एसपी राजेंद्र कुमार मीणा ने कहा कि महिला की रिपोर्ट के आधार पर जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। हालांकि, उन्होंने महिला को काला मुंह कर गांव में घुमाने और बाल काटने की बात को झूठा बताया।
अंधविश्वास की कुरीति पर सवाल
यह घटना अंधविश्वास के चलते की जाने वाली अमानवीय प्रथाओं को उजागर करती है। प्रशासन ने पीड़िता को न्याय दिलाने और दोषियों को सजा देने का भरोसा दिलाया है।