नई दिल्ली: भारतीय महिला हॉकी की पहचान बन चुकीं रानी रामपाल की कहानी किसी प्रेरणा से कम नहीं है। छह साल की उम्र में हॉकी के मैदान में कदम रखने वाली रानी ने कठिन परिस्थितियों के बावजूद अपना सफर जारी रखा और दुनिया की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में शामिल हुईं।
शुरुआत और संघर्ष
रानी रामपाल ने 2003 में शाहबाद हॉकी अकादमी में प्रशिक्षण लेना शुरू किया। यहीं उनकी मुलाकात द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता कोच बलदेव सिंह से हुई, जिन्होंने रानी के खेल को नई ऊंचाई दी। बलदेव सिंह ने रानी का समर्थन किया लेकिन वह अनुशासन के मामले में बेहद सख्त थे। रानी ने एक घटना साझा की थी, जब वह अभ्यास के लिए केवल 2 मिनट देर से पहुंचीं, और सिंह ने 200 रुपये का जुर्माना लगाया। रानी के लिए यह बड़ी रकम थी, क्योंकि उनके पिता मात्र 100 रुपये प्रतिदिन कमाते थे।
हालांकि, दिन के अंत में कोच ने जुर्माने के पैसे अतिरिक्त 100 रुपये के साथ लौटा दिए, जिससे रानी को अनुशासन का महत्व समझ आया। इसके बाद रानी कभी भी अभ्यास के लिए देर नहीं हुईं।
परिवार का सहयोग और स्कूल की घड़ी प्रतियोगिता
रानी के परिवार ने कठिन समय में भी उनका पूरा साथ दिया। उनकी माँ सुबह जल्दी उठकर रानी को अभ्यास सत्र के लिए तैयार करती थीं। परिवार के पास घड़ी न होने के कारण समय प्रबंधन कठिन था। एक स्कूल प्रतियोगिता में रानी ने घड़ी जीतने के लिए मेहनत की। हस्तलेखन प्रतियोगिता में उनकी लिखावट पहले अच्छी नहीं थी, लेकिन अभ्यास के बल पर उन्होंने पुरस्कार जीता और माँ के लिए घड़ी लाई। यह उनके परिवार के लिए एक बड़ी उपलब्धि थी।
अंतरराष्ट्रीय सफर की शुरुआत
2009 में, रानी ने रूस में चैंपियंस चैलेंज टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और यंग प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का पुरस्कार जीता। उन्होंने टूर्नामेंट में 4 गोल कर अपनी टीम को जीत दिलाई। उसी साल, एशिया कप में उन्होंने रजत पदक जीता।
15 साल की उम्र में, 2010 के विश्व कप में रानी ने 7 गोल किए और टूर्नामेंट की सबसे कम उम्र की खिलाड़ी बनीं। उनकी प्रतिभा ने उन्हें प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट का खिताब दिलाया।
लगातार सफलता और उपलब्धियां
2013: जूनियर विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट घोषित।
2017: एशियाई कप जीतकर टीम को गौरवान्वित किया।
2018: एशियाई खेलों में रजत पदक जीता।
भारतीय हॉकी की धड़कन
रानी रामपाल को उनकी बिजली जैसी गति और उत्कृष्ट छड़ी नियंत्रण के लिए जाना जाता है। एक स्ट्राइकर के रूप में उन्होंने भारत को कई महत्वपूर्ण जीत दिलाई हैं। रानी न केवल भारत की सर्वश्रेष्ठ महिला हॉकी खिलाड़ी हैं, बल्कि दुनिया की शीर्ष खिलाड़ियों में भी शुमार हैं।