सदी की सबसे भयानक बीमारी का राज जल्द ही पूरी दुनिया के सामने आएगा। अमेरिका जनता को कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में सही जानकारी देगा। राष्ट्रपति जो बिडेन ने COVID-19 के प्रकोप के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के प्रस्ताव वाले एक विधेयक पर हस्ताक्षर किए हैं। राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद जल्द ही चीन का चेहरा पूरी दुनिया के सामने होगा, जिसे चीन अब तक छुपाता रहा है. COVID-19 के अस्तित्व के बारे में सच्चाई सामने आएगी
अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम से 90 दिन के अंदर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों की फाइलों में लिखी जानकारियां सामने आ जाएंगी. इस कवायद के जरिए जो जानकारी सामने आएगी, उसमें वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी और कोरोना वायरस की उत्पत्ति के बीच संबंध से जुड़ी जानकारी शामिल होगी। दुनिया भर में लाखों लोगों की जान लेने वाली इस घातक बीमारी की शुरुआत के लगभग तीन साल बाद, यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस ने सर्वसम्मति से इसे मंजूरी दे दी।
अमेरिकी रिपब्लिकन पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार निक्की हेली ने हाल ही में चीन के बारे में बहुत कुछ कहा है। हेली ने कहा है कि चीनी प्रयोगशालाओं से कोविड फैल सकता है और इस वजह से चीन को अमेरिकी सहायता में कटौती करनी चाहिए। हेली ने ट्वीट किया, “हो सकता है कि कोविड-19 एक चीनी प्रयोगशाला से आया हो। कम्युनिस्ट चीन को एक पैसा भी नहीं मिलना चाहिए।” हेली ने कहा कि अगर वह सत्ता में आती हैं तो अमेरिका से नफरत करने वाले देशों को दी जाने वाली विदेशी सहायता में एक प्रतिशत की कटौती करेंगी। क्योंकि “एक मजबूत अमेरिका बुरे लोगों को भुगतान नहीं कर सकता है।”
बता दें कि कोराना के वैश्विक प्रकोप से अब तक 68 लाख 11 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, इस प्रकोप की चपेट में 68 करोड़ 14 लाख 19 हजार संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 65 करोड़ 43 ठीक हो चुके हैं। इस बीमारी से सबसे ज्यादा नुकसान अमेरिका को हुआ है। यहां 11 लाख 48 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा नुकसान भारत को हुआ। यहां 5 लाख 30 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना से मौत हो गई।