आस्ट्रेलिया में बुरी तरह फेल हुए कोहली, सूनील गावस्कर ने दे डाली नसीहत

ब्रिस्बेन, 14 दिसंबर 2024 ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ गाबा टेस्ट की पहली पारी में विराट कोहली का बल्ला एक बार फिर खामोश रहा। महज 3 रन के स्कोर पर आउट होने के बाद उनकी तकनीकी कमजोरी एक बार फिर चर्चा में है। खासकर ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों का पीछा करना विराट की चिंता का बड़ा कारण बन गया है। इस बीच महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कोहली को सचिन तेंदुलकर की 2004 सिडनी टेस्ट की ऐतिहासिक पारी से सीखने की सलाह दी है।

कोहली की गिरती फॉर्म और गावस्कर की चिंता

गाबा टेस्ट में विराट कोहली जोश हेज़लवुड की एक वाइड डिलीवरी पर विकेट के पीछे एलेक्स कैरी के हाथों कैच आउट हो गए। यह उनकी पिछली पारियों की कमजोरी का दोहराव था। कोहली बार-बार ऑफ स्टंप के बाहर जाती गेंदों का शिकार हो रहे हैं। सुनील गावस्कर ने इस समस्या की गंभीरता को समझते हुए कहा कि विराट को अब तकनीकी और मानसिक बदलाव की जरूरत है। गावस्कर ने कहा: “विराट को सचिन तेंदुलकर की 2004 की सिडनी टेस्ट पारी से सीखना चाहिए। सचिन को भी उस सीरीज में लगातार ऑफ स्टंप के बाहर आउट किया गया था। लेकिन सिडनी में उन्होंने कवर ड्राइव को पूरी तरह छोड़ने का फैसला किया और सिर्फ सीधे बल्ले से खेलने पर ध्यान दिया।”

सचिन की 2004 सिडनी पारी: धैर्य का मास्टरक्लास

गावस्कर ने सचिन तेंदुलकर की 241 रन की पारी का जिक्र करते हुए कहा कि वह पारी सचिन के धैर्य और आत्मसंयम का बेहतरीन उदाहरण थी। तेंदुलकर ने उस पारी में 436 गेंदों का सामना किया और कवर ड्राइव जैसे शॉट को पूरी तरह त्याग दिया। उन्होंने सिर्फ मिड-ऑन और बोलर के फॉलो-थ्रू में गेंद खेली, जिससे ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की रणनीति विफल हो गई।

गावस्कर ने आगे कहा:
“विराट को ऐसी मानसिक मजबूती दिखानी होगी। सचिन ने जब यह निर्णय लिया कि वह कवर ड्राइव नहीं खेलेंगे, तो उन्होंने अपनी तकनीक के हिसाब से खेल को साधा और बड़ा स्कोर बनाया। विराट के पास भी यह क्षमता है। टेस्ट क्रिकेट में 9000 से अधिक रन और 32 शतक यूं ही नहीं बनते। उन्हें अपनी पुरानी सफल पारियों को याद करके आत्मविश्वास हासिल करना होगा।”

कोहली की तकनीकी समस्या

विराट कोहली की सबसे बड़ी समस्या धैर्य और शॉट चयन को लेकर है। गावस्कर ने कहा कि अभ्यास से परे मैदान पर मानसिक नियंत्रण की जरूरत होती है। उन्होंने कहा:
“नेट्स में आप खराब शॉट खेलकर बच सकते हैं, लेकिन मैच में गलती की कोई गुंजाइश नहीं होती। कोहली को ऑफ स्टंप के बाहर की गेंदों से बचना होगा और अपनी मजबूती के क्षेत्रों में खेलना होगा।”

भारत की हालत खराब, तीसरा टेस्ट संघर्ष में

भारत की पहली पारी गाबा टेस्ट में 51/4 के संघर्षपूर्ण स्कोर पर सिमटती दिख रही है। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 445 रन बनाए, जिसमें ट्रेविस हेड और स्टीव स्मिथ के शानदार शतक शामिल थे। विराट कोहली की खराब फॉर्म के चलते भारतीय टीम की बल्लेबाजी गहराते संकट में है।

कोहली के लिए ‘सचिन मॉडल’ ही रास्ता

विराट कोहली के पास अब समय है कि वह अपनी तकनीक में सुधार करें और सचिन तेंदुलकर की सिडनी पारी जैसी रणनीति अपनाएं। गावस्कर की सलाह न केवल तकनीकी बदलाव की है, बल्कि मानसिक मजबूती की भी है। यदि कोहली इस रणनीति को अपनाते हैं, तो वह अपनी खोई लय वापस पा सकते हैं और टीम इंडिया को मुश्किल से उबार सकते हैं। अब देखना यह होगा कि क्या विराट कोहली महान सचिन की रणनीति से सीखते हुए अपनी फॉर्म में वापसी कर पाते हैं या ऑस्ट्रेलिया के गेंदबाजों के सामने उनकी परेशानी जारी रहती है।

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