जयपुर में उत्कर्ष कोचिंग सील: छात्रों ने किया विरोध, करियर पर मंडराया खतरा

जयपुर: राजधानी जयपुर के महेश नगर स्थित उत्कर्ष कोचिंग संस्थान में छात्रों के बेहोश होने की घटना के बाद नगर निगम ने संस्थान को सील कर दिया। इस कार्रवाई के बाद कोचिंग के छात्र आक्रोशित हो गए और उन्होंने करियर खतरे में पड़ने की आशंका जताते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। मामले की गंभीरता को देखते हुए एफएसएल टीम ने सीवरेज पानी के नमूने जांच के लिए भेजे हैं।


क्या है पूरा मामला?

बीती शाम उत्कर्ष कोचिंग में पढ़ाई के दौरान 10 छात्रों की अचानक तबीयत बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए। आनन-फानन में सभी को अस्पताल ले जाया गया। इनमें से पांच छात्रों को एसएमएस अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई, जबकि दो छात्रों की हालत गंभीर बनी हुई है और उनका सीके बिरला अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए महेश नगर स्थित उत्कर्ष कोचिंग सेंटर को सील कर दिया।


नगर निगम की कार्रवाई और छात्रों का विरोध

सोमवार सुबह ग्रेटर नगर निगम की टीम ने कोचिंग संस्थान को सील किया। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक पूरे मामले की जांच पूरी नहीं होगी, तब तक कोचिंग संस्थान बंद रहेगा। हालांकि, इस कार्रवाई से छात्रों में नाराजगी बढ़ गई। कई छात्र संस्थान के बाहर इकट्ठा होकर धरने पर बैठ गए। उनका कहना है कि रीट परीक्षा जैसी महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षा नजदीक है, ऐसे में कोचिंग बंद होने से उनकी तैयारी पर असर पड़ेगा और उनका करियर खतरे में पड़ सकता है।

छात्रों का बयान:
“हम यहां पढ़ाई करने आए हैं ताकि अपने करियर को बेहतर बना सकें। लेकिन इस तरह कोचिंग को सील करना हमारे भविष्य से खिलवाड़ है। अगर कोचिंग नहीं खुली तो हम यहीं धरने पर बैठे रहेंगे।”           घटना के बाद एफएसएल (फोरेंसिक साइंस लैब) की टीम कोचिंग सेंटर पहुंची और सीवरेज के पानी के नमूने एकत्रित किए। शुरुआती जांच में आशंका जताई जा रही है कि खराब वेंटिलेशन और सीवरेज से उठती बदबू के कारण छात्रों की तबीयत बिगड़ी। हालांकि, अंतिम रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।


छात्र संघ और पुलिस में झड़प

घटना के बाद देर रात छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष निर्मल चौधरी अपने समर्थकों के साथ कोचिंग संस्थान पहुंचे। यहां पुलिस और छात्र संघ के बीच झड़प हुई, जिसके बाद कई छात्र नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। प्रशासन ने कोचिंग संचालकों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े मानकों का पालन करना अनिवार्य है। वहीं, मामले की जांच के नतीजों के आधार पर अगले कदम उठाए जाएंगे। जहां एक ओर छात्र कोचिंग को जल्द से जल्द खोलने की मांग कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन का कहना है कि छात्रों की सुरक्षा सर्वोपरि है। जांच के नतीजे आने से पहले संस्थान को दोबारा खोलना संभव नहीं है। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन पर दबाव बढ़ता जा रहा है। छात्रों के प्रदर्शन और करियर की चिंता को लेकर आने वाले दिनों में प्रशासन और छात्रों के बीच टकराव बढ़ सकता है। फिलहाल, उत्कर्ष कोचिंग की सीलिंग के बाद शहर के अन्य कोचिंग संस्थानों पर भी प्रशासन की पैनी नजर बनी हुई है।

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