जयपुर में टैक्सी चालक की पिटाई का मामला: दो एफआईआर दर्ज, वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

जयपुर: जयपुर के अंबेडकर सर्किल पर गुरुवार दोपहर हुई टैक्सी चालक की पिटाई का मामला गंभीर हो गया है। इस घटना के बाद पीड़ित टैक्सी चालक और फैक्ट्री एवं बॉयलर्स विभाग के अधिकारियों ने अशोक नगर थाने में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

क्या हुआ था?
घटना तब हुई जब एक वकील की कार और टैक्सी के बीच अंबेडकर सर्किल पर टक्कर हो गई। इसके बाद विवाद बढ़ गया और वहां मौजूद वकीलों ने टैक्सी चालक मुकेश प्रजापत को कार से बाहर खींचकर उसकी पिटाई शुरू कर दी। पीड़ित ड्राइवर ने बताया कि उसे इतनी बुरी तरह पीटा गया कि वह सड़क पर ही रोने लगा। पुलिस ने बाद में स्थिति को संभाला और चालक को बचाया।

पीड़ित ने लगाए गंभीर आरोप
पीड़ित टैक्सी चालक मुकेश प्रजापत ने आरोप लगाया कि वकीलों ने उसकी पिटाई सिर्फ इसलिए की क्योंकि उसकी कार उनकी कार से टकरा गई थी। उसने यह भी कहा कि जब वह इस मामले में कार्रवाई करने के लिए थाने पहुंचा, तो वकीलों ने उसे मामला दर्ज न करने की धमकी दी।

फैक्ट्री एवं बॉयलर्स विभाग के अधिकारियों ने भी दर्ज की शिकायत
इस घटना के बाद फैक्ट्री और बॉयलर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी भी अशोक नगर थाने पहुंचे और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। विभाग के उप मुख्य निरीक्षक हरिश्चंद्र और वरिष्ठ निरीक्षक चंद्रकांत पाकड़ भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। विभाग की कर्मचारी इतिका ने बताया कि हरिश्चंद्र का हाल ही में दिल का ऑपरेशन हुआ था और यह घटना उनके लिए बेहद परेशान करने वाली थी।

टैक्सी चालक संघ ने किया विरोध
टैक्सी चालक संघ के प्रतिनिधियों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन से आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि यह घटना न केवल टैक्सी चालकों के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी चिंता का विषय है।

पुलिस ने शुरू की जांच
एडिशनल डीसीपी (दक्षिण) ललित कुमार शर्मा ने बताया कि घटना के संबंध में दोनों पक्षों ने एफआईआर दर्ज कराई है। उन्होंने कहा कि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाएगी और सभी आवश्यक कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस ने घटना से जुड़े वीडियो को भी जांच का हिस्सा बनाया है।

सवाल जेल प्रशासन पर
यह घटना एक बार फिर जेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करती है। पुलिस और जेल प्रशासन को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

निष्कर्ष
जयपुर में टैक्सी चालक की पिटाई का मामला न केवल कानून-व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह आम नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी गंभीर सवाल खड़े करता है। पुलिस और प्रशासन को इस मामले में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं को दोबारा होने से रोका जा सके।

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

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