वन नेशन वन इलेक्शन: कांग्रेस ने विधेयक का किया विरोध, मनीष तिवारी ने लोकसभा में दिया नोटिस

नई दिल्ली, 17 दिसंबर (आईएएनएस): कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने मंगलवार को “वन नेशन वन इलेक्शन” के लिए पेश किए जाने वाले संविधान (129वां संशोधन) विधेयक का लोकसभा में विरोध करने के लिए नोटिस दिया है।

तिवारी ने अपने नोटिस में लिखा कि वह विधेयक को “प्रक्रिया नियम के नियम 72” के तहत पेश किए जाने का विरोध करते हैं। उनका तर्क है कि प्रस्तावित विधेयक संविधान के संघीय ढांचे और मूलभूत सिद्धांतों का उल्लंघन करता है।

विधेयक पर आपत्ति

मनीष तिवारी ने अपनी आपत्तियों में कहा कि संविधान का अनुच्छेद 1 भारत को राज्यों के “संघ” के रूप में परिभाषित करता है। विधेयक लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने का प्रस्ताव करता है, जो राज्यों की स्वायत्तता और संघीय चरित्र को कमजोर करता है।

उन्होंने कहा, “यह कदम राज्यों में एकरूपता लागू करके बहुलवाद और विविधता को कमजोर करेगा, जो हमारे लोकतांत्रिक ढांचे की नींव हैं।” तिवारी ने यह भी कहा कि राज्यों के अनूठे सामाजिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक संदर्भों को नजरअंदाज करना संघवाद को बुनियादी तौर पर कमजोर करेगा।

मूल ढांचे का उल्लंघन

तिवारी ने अपने नोटिस में “केशवानंद भारती बनाम केरल राज्य” मामले का हवाला देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान के मूल ढांचे के सिद्धांत की रक्षा के लिए सीमाएं निर्धारित की हैं। उन्होंने तर्क दिया कि विधेयक अनुच्छेद 83 और 172 के तहत गारंटीकृत विधायी निकायों के निश्चित कार्यकाल में बदलाव लाकर संविधान के मूलभूत चरित्र का उल्लंघन करता है।

राज्य सरकारों को कमजोर करने का आरोप

मनीष तिवारी ने कहा कि इस विधेयक से राज्य सरकारों की स्वायत्तता खतरे में पड़ जाएगी। उन्होंने चिंता जताई कि चुनाव प्रक्रियाओं के केंद्रीकरण से स्थानीय लोकतंत्र कमजोर होगा और राज्य सरकारों की भूमिका सीमित हो जाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति शासन के विस्तार की संभावनाएं बढ़ जाएंगी, जिससे केंद्र सरकार का नियंत्रण मजबूत होगा और संघवाद का सिद्धांत खतरे में आ जाएगा।

पुनर्विचार की मांग

तिवारी ने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि जब तक इन संवैधानिक और प्रक्रियात्मक चिंताओं का समाधान नहीं किया जाता, तब तक विधेयक को पेश करने पर पुनर्विचार किया जाए।

सरकार का रुख

सरकार ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के लिए संविधान संशोधन विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है।

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