सिद्दीकी ने भारत के माहौल को अच्छा नहीं बताया।
– फोटो : अमर उजाला
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कहा- यहां के हालत अब नहीं झेल पाओगे
अनीसाबाद के एक होटल में कार्यक्रम के दौरान सिद्दीकी ने बच्चों के साथ अपनी इस बातचीत का जिक्र किया। कार्यक्रम में उन्होंने जिक्र किया- मेरा बेटा अभी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है, जबकि बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पासआउट है। मैं भले यहां हूं, मगर बेटा-बेटी को कहा है कि विदेश में नौकरी मिले तो वहीं रह लो। वहां की सिटीजनशिप मिल जाए तो वह भी ले लो। अब इंडिया में वह माहौल नहीं रह गया है। ताजा हालात को नहीं झेल पाओगे। मातृभूमि छोड़ना तकलीफदेह है, लेकिन अब ऐसा दौर आ गया है।
जवाब मिला- दुनिया देख रहे, फैसला खुद लेंगे
पिछले दिनों राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के दावेदार के रूप में प्रचारित किए जा रहे सिद्दीकी ने बाद में कहा कि उन्होंने ताजा हालात समझते हुए बच्चों को समझाया, हालांकि बेटे ने उन्हें जवाब दिया कि वह बालिग हैं। दुनिया देख रहे हैं। सबकुछ समझ सकते हैं। इसलिए, भारत आने या नहीं आने का फैसला खुद ले सकते हैं।
विस्तार
बिहार की लालू-राबड़ी सरकार में वित्त मंत्री जैसी अहम जिम्मेदारी निभा चुके राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रधान महासचिव अब्दुल बारी सिद्दीकी को भारत में रहने वाली स्थिति नहीं दिख रही है। माहौल ठीक नहीं लग रहा है। उन्होंने अपने बेटे-बेटी को विदेश में ही बसने की सलाह दी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों ने खुद को बालिग बताते हुए अपनी सूझबूझ से फैसला करने की बात कही।
कहा- यहां के हालत अब नहीं झेल पाओगे
अनीसाबाद के एक होटल में कार्यक्रम के दौरान सिद्दीकी ने बच्चों के साथ अपनी इस बातचीत का जिक्र किया। कार्यक्रम में उन्होंने जिक्र किया- मेरा बेटा अभी हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहा है, जबकि बेटी लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पासआउट है। मैं भले यहां हूं, मगर बेटा-बेटी को कहा है कि विदेश में नौकरी मिले तो वहीं रह लो। वहां की सिटीजनशिप मिल जाए तो वह भी ले लो। अब इंडिया में वह माहौल नहीं रह गया है। ताजा हालात को नहीं झेल पाओगे। मातृभूमि छोड़ना तकलीफदेह है, लेकिन अब ऐसा दौर आ गया है।
जवाब मिला- दुनिया देख रहे, फैसला खुद लेंगे
पिछले दिनों राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी के दावेदार के रूप में प्रचारित किए जा रहे सिद्दीकी ने बाद में कहा कि उन्होंने ताजा हालात समझते हुए बच्चों को समझाया, हालांकि बेटे ने उन्हें जवाब दिया कि वह बालिग हैं। दुनिया देख रहे हैं। सबकुछ समझ सकते हैं। इसलिए, भारत आने या नहीं आने का फैसला खुद ले सकते हैं।