बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने गुरुवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के साथ अपने भविष्य को लेकर संशय खत्म कर दिया। सीतामढ़ी में अपनी प्रगति यात्रा के दौरान नीतीश ने कहा, “हमने दो बार गलती की, लेकिन अब इधर-उधर नहीं जाएंगे। एनडीए के साथ मिलकर बिहार और देश का विकास करेंगे।”
नीतीश के इस बयान के बाद बीजेपी और जेडीयू के बीच लंबे समय से चल रही अटकलों पर विराम लग गया है। हाल ही में गृहमंत्री अमित शाह के एक बयान ने बिहार की राजनीति में हलचल मचा दी थी। शाह ने कहा था कि 2025 का चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाएगा, इसका निर्णय वक्त आने पर लिया जाएगा। इस बयान के बाद बीजेपी और जेडीयू के नेताओं के बीच मतभेद की खबरें सामने आने लगी थीं।
बीजेपी नेताओं ने किया समर्थन
नीतीश के बयान का स्वागत करते हुए बिहार बीजेपी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनके नेतृत्व में विश्वास जताया। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “नीतीश कुमार एनडीए के नेता हैं और उनके नेतृत्व में ही 2025 का चुनाव लड़ा जाएगा।” केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश के लिए भारत रत्न की मांग उठाते हुए कहा कि वह अटल बिहारी वाजपेयी के सुशासन के आदर्शों को आगे बढ़ा रहे हैं।
शाह के बयान ने बढ़ाई थी बेचैनी
14 दिसंबर को अमित शाह ने दिल्ली में एक चैनल के कार्यक्रम में कहा था कि नेतृत्व का फैसला सभी सहयोगियों के साथ मिलकर लिया जाएगा। इस बयान को लेकर जेडीयू और बीजेपी के बीच मतभेद बढ़ते नजर आए। हालांकि, 23 दिसंबर को सूरजकुंड में हुई बीजेपी कोर ग्रुप की बैठक में यह तय किया गया कि नीतीश के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ा जाएगा।
नीतीश की प्रगति यात्रा और भविष्य की योजनाएं
नीतीश कुमार 23 दिसंबर से प्रगति यात्रा पर निकले हुए हैं। इस यात्रा के दौरान वह राज्य के विभिन्न जिलों का दौरा कर विकास कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। सीतामढ़ी में उन्होंने 400 करोड़ रुपये की योजनाओं का ऐलान किया।
नीतीश ने कहा, “हमने विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिश की, लेकिन अब हमारा पूरा ध्यान बिहार के विकास पर है। आने वाले समय में हम रोजगार, शिक्षा और बुनियादी ढांचे पर जोर देंगे।”
2025 विधानसभा चुनाव की तैयारी
बिहार में 2025 में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं। जेडीयू और बीजेपी ने अपने नेताओं को संगठित कर एनडीए को मजबूत बनाने की कवायद तेज कर दी है। जेडीयू ने सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी करते हुए कहा, “बिहार की बात हो तो नाम सिर्फ नीतीश कुमार का हो।”
राजनीतिक समीकरण क्या कहते हैं?
नीतीश कुमार के इस बयान के बाद एनडीए में स्थिरता आने की उम्मीद है। हालांकि, विपक्षी दल महागठबंधन इस स्थिति को कैसे भुनाते हैं, यह देखना बाकी है।