भारत में शादी दो लोगों के मिलन के साथ-साथ दो परिवारों के मिलन के लिए भी जानी जाती है। भारत में शादी की बात ही अलग है, कुछ सालों के बाद कई लोग अपनी जिंदगी बसाने के लिए शादी कर लेते हैं। हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार शादी महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। इस स्टडी में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। यहां जानिए-
अध्ययन क्या कहता है
ग्लोबल एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि शादी महिलाओं की मृत्यु दर को एक तिहाई कम करने में मदद करती है। रिपोर्ट के मुताबिक, शादी के बाद ओवरऑल हेल्थ में काफी सुधार हुआ है। अध्ययन के निष्कर्ष ने विवाह के महत्व को पुष्ट किया। यह मूल रूप से है कि समाज विवाह जैसे सुंदर मिलन के महत्व को नकारता है।
विवाहित महिलाओं की मृत्यु दर 35% कम थी।
मनोवैज्ञानिक कल्याण, स्वास्थ्य और दीर्घायु सहित कई अलग-अलग परिणामों पर विचार करते हुए, शोधकर्ताओं ने लगभग 25 वर्षों के बाद महिलाओं के जीवन पर संयम के प्रभावों को देखा। इस दौरान पहले शादी करने वाली महिलाओं में बाद में तलाक लेने वाली महिलाएं भी शामिल थीं। अविवाहित महिलाओं की तुलना में मृत्यु का 35% अधिक जोखिम है। अध्ययन में विवाहित होने के कई फायदे बताए गए, जैसे विवाहित महिलाओं में हृदय रोग का जोखिम कम होना। यह अवसाद और अकेलेपन की अधिक भावनाओं, अधिक आशावाद और अधिक कल्पना के साथ है।
यह एक तलाकशुदा व्यक्ति की स्थिति है
वहीं जिन महिलाओं ने तलाक ले लिया था, उनकी अनुवर्ती अवधि के दौरान शादीशुदा रहने वालों की तुलना में मृत्यु का जोखिम 19% ज्यादा था। वहीं इन लोगों की तबीयत बिगड़ती जा रही है. साथ ही उनमें डिप्रेशन की समस्या भी हो सकती है।