नई दिल्ली: टीम इंडिया के कप्तान रोहित शर्मा को सिडनी टेस्ट में ड्रॉप किए जाने के बाद हर तरफ चर्चाओं का दौर जारी है। खराब फॉर्म के कारण प्लेइंग इलेवन से बाहर होने के बाद रोहित ने खुद को टीम से पहले रखते हुए बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह अभी संन्यास लेने के बारे में नहीं सोच रहे हैं और टीम की जरूरत को प्राथमिकता दे रहे हैं।
खुद को क्यों किया बाहर?
रोहित शर्मा ने इंटरव्यू में कहा, “मुझसे रन नहीं बन पा रहे थे, इसलिए मैंने खुद को टेस्ट से बाहर रखने का निर्णय लिया।” हालांकि, उनके इस फैसले ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि कप्तान होते हुए भी उन्हें क्यों ड्रॉप किया गया।
टीम इंडिया में इस फैसले को लेकर दो संभावनाएं बताई जा रही हैं:
- कोच गौतम गंभीर का कड़ा निर्णय।
- रोहित का खुद का फैसला, जिससे वह टीम की इज्जत बचाने में लगे हैं।
मैदान पर दिखी रोहित की खेल भावना
भले ही रोहित प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं थे, लेकिन वह मैदान पर ड्रिंक्स ब्रेक के दौरान टीम को गाइड करते नजर आए। उन्होंने न सिर्फ खिलाड़ियों को पानी दिया बल्कि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रणनीति बनाने में भी मदद की। सोशल मीडिया पर फैन्स ने उनकी इस खेल भावना की जमकर तारीफ की। एक फैन ने लिखा, “रोहित का यह जज्बा दिखाता है कि वह असली टीम प्लेयर हैं। रोहित को ड्रॉप कर शुभमन गिल को टीम में शामिल किया गया, लेकिन गिल दोनों पारियों में फ्लॉप रहे। इसने रोहित के फैसले को और अधिक सवालों के घेरे में ला दिया।
खराब फॉर्म की कहानी
रोहित शर्मा के लिए यह सीरीज किसी बुरे सपने से कम नहीं रही। उन्होंने तीन टेस्ट मैचों में कुल 31 रन बनाए, जो उनके जैसे बड़े खिलाड़ी के लिए निराशाजनक आंकड़ा है।
हालांकि, क्रिकेट के दिग्गजों का मानना है कि रोहित जल्द ही इस बुरे दौर से बाहर निकलकर दमदार वापसी करेंगे।
क्या रोहित पर दबाव बढ़ रहा है?
कप्तान होते हुए खुद को बाहर करने का फैसला रोहित के व्यक्तित्व को दिखाता है, लेकिन इसने टीम मैनेजमेंट और उनकी कप्तानी पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या यह संकेत है कि उनकी कप्तानी खतरे में है, या यह सिर्फ खराब फॉर्म का मामला है?
रोहित शर्मा के फैंस और क्रिकेट प्रेमियों के मन में यह सवाल गूंज रहा है: क्या रोहित इस मुश्किल दौर से उबरकर एक बार फिर टीम को अपनी कप्तानी और बल्लेबाजी से गौरवान्वित करेंगे? समय ही इसका जवाब देगा।