दिल्ली में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही राजनीतिक माहौल गर्म हो गया है। भाजपा ने कैग (CAG) रिपोर्ट का हवाला देकर आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले पर हुए खर्च को लेकर सवाल उठाए हैं।
भाजपा का ’33 करोड़ का शीश महल’ हमला
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैग रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि 2020 में दिल्ली के मुख्यमंत्री के सरकारी आवास के नवीनीकरण के लिए 7 करोड़ रुपये का बजट तय हुआ था, लेकिन अंततः 33.66 करोड़ रुपये खर्च किए गए। यह खर्च उस दौर में हुआ जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीएम आवास की रीमॉडलिंग के दौरान अनुमानित लागत को बार-बार बदला गया और नियमों का उल्लंघन किया गया। पात्रा ने कहा, “दरवाजे के हैंडल से लेकर इटालियन मार्बल और मिनी बार तक, हर चीज़ पर फिजूलखर्ची की गई। यहां तक कि एक टीवी कंसोल पर 20 लाख रुपये और कालीन पर 16 लाख रुपये खर्च किए गए।”
क्या कहती है रिपोर्ट?
कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि:
17 मार्च 2020 को प्रस्ताव रखा गया कि मुख्यमंत्री आवास का नवीनीकरण होगा, लेकिन यह प्रस्ताव एक दिन में मंजूर कर लिया गया।
टेंडर की राशि 8.62 करोड़ रुपये थी, लेकिन खर्च 33.66 करोड़ रुपये पहुंच गया।
इटालियन मार्बल, महंगे फर्नीचर, और मिनी बार जैसी चीजों पर सरकारी धन खर्च किया गया।
प्रशासनिक स्वीकृति और सलाहकारों की चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं थी।
आप सरकार का पक्ष
हालांकि, वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा चुनावी माहौल में भ्रम फैलाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “यह सब राजनीतिक चाल है। भाजपा जनता का ध्यान असली मुद्दों से हटाने की कोशिश कर रही है।”
भाजपा ने क्या मांगा?
भाजपा ने इस मुद्दे पर आप सरकार से जवाबदेही मांगी है और चुनाव आयोग से भी इस मामले की जांच कराने की अपील की है।
चुनाव से पहले गरमा रहा सियासी माहौल
दिल्ली की राजनीति में इस नए विवाद ने चुनावी माहौल को और भी अधिक गर्म कर दिया है। जहां भाजपा इसे भ्रष्टाचार का मुद्दा बता रही है, वहीं आप इसे चुनावी चाल कहकर खारिज कर रही है। देखना होगा कि इस ‘शीश महल’ विवाद का असर विधानसभा चुनाव पर कितना पड़ता है।