हाथी राम चौधरी (जयदीप अहलावत) और अंसारी (ईश्वाक सिंह) की केमिस्ट्री, पाताल लोक सीजन 2 में फिर से देखने को मिली है। इस बार दोनों के बीच का रिश्ता और भी दिलचस्प हो गया है। जहाँ एक ओर हाथी राम अपने जूनियर अंसारी के साथ सीनियर एसीपी बनने का दबदबा महसूस करते हैं, वहीं अंसारी भी अपनी नई जिम्मेदारियों को बखूबी निभा रहे हैं। प्राइम वीडियो की इस सीरीज में शानदार कहानी के साथ एक्टिंग का स्तर भी शानदार है। सीजन 1 से मिली फीलिंग के साथ ही इस बार दर्शकों को एक नए रूप में पाताल लोक का अनुभव हुआ।
कहानी में घातक सस्पेंस और राजनीति का मिश्रण
इस सीरीज का प्लॉट शुरू होता है नागालैंड में एक हत्या से, जो एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन से पहले होती है। अंसारी इस मामले की जांच करता है और हाथी राम को अपने साथ लेकर चलता है। इस दौरान दोनों के निजी जीवन में भी उतार-चढ़ाव आते हैं, जो सीरीज के हर एपिसोड को और दिलचस्प बना देते हैं।
कैसी है सीरीज?
पाताल लोक का दूसरा सीजन पहले की तरह ही धीमी और स्थिर गति से चलता है, जिसमें कोई फालतू हीरोइज्म या ओवरड्रामा नहीं है। सीरीज में हर चीज़ के बारे में सोच-समझकर दिखाया गया है। नागालैंड की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए कोई शोर-शराबा नहीं है। हालांकि, गालियाँ जरूर हैं, जो इस सीरीज के हर पात्र के चरित्र को और गहराई देती हैं। इस बार सीरीज ने अपने हर पहलू में और भी सुधार किया है।
अभिनय और दिशा का कमाल
जयदीप अहलावत ने एक बार फिर साबित किया है कि वह आज के दौर के बेहतरीन अभिनेताओं में से एक हैं। उनके द्वारा निभाया गया हाथी राम चौधरी का किरदार दर्शकों के दिलों को छू जाता है। वहीं, ईश्वाक सिंह ने अंसारी के रूप में जबरदस्त अभिनय किया है। गुल पनाग और तिलोत्तमा शोम ने भी अपने-अपने किरदारों को बेहतरीन तरीके से निभाया है।
सीरीज का निर्देशन अविनाश अरुण धवरे ने किया है, और उन्होंने इस सीरीज की आत्मा को बरकरार रखा है। राइटिंग भी शानदार है, जो दर्शकों को सीरीज से जोड़कर रखती है।