गॉसिप न्यूज़ डेस्क: बॉलीवुड की बेबाक और बोल्ड एक्ट्रेस कंगना रनौत एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार उनकी चर्चाओं का केंद्र उनकी आगामी फिल्म ‘इमरजेंसी’ है। कंगना ने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में अपने करियर, निजी जीवन और फिल्म इंडस्ट्री में अपने संघर्षों के बारे में खुलकर बात की।
साधारण परिवार से बॉलीवुड तक का सफर
कंगना ने बताया कि उनका जन्म हिमाचल प्रदेश के एक साधारण परिवार में हुआ। उन्होंने कहा कि जब वे बड़े शहर में आईं तो उनकी सादगी और खुले स्वभाव के कारण उन्हें आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। कंगना ने कहा,
“शहर में अगर कोई खुले दिल से रहता है और बिना दिखावे के व्यवहार करता है, तो उसे ‘गंवार’ जैसे शब्दों से पुकारा जाता है।”
फिल्म इंडस्ट्री में पुरुषों से मिली बदनामी
कंगना ने फिल्म इंडस्ट्री में अपने संघर्षों के बारे में बात करते हुए कहा कि उनके करियर में जो विवाद हुए, उनमें से अधिकतर पुरुषों की वजह से हुए। उन्होंने बताया,
“किसी ने मेरे खिलाफ केस दर्ज कराया, किसी ने मुझे ‘डायन’ कहा। ऐसी चीजों ने मेरी कला और प्रोफेशनल इमेज को नुकसान पहुंचाया।” कंगना ने इस तरह की आलोचनाओं को अनुचित बताया और कहा कि बिना वजह किसी को बदनाम करना गलत है।
‘इमरजेंसी’ में इंदिरा गांधी के जीवन को लेकर क्या कहा?
जब उनसे फिल्म ‘इमरजेंसी’ को लेकर सवाल किया गया, तो कंगना ने कहा कि उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की निजी जिंदगी के विवादित पहलुओं को फिल्म में शामिल नहीं किया। कंगना ने कहा,
“जब मैंने इंदिरा गांधी के बारे में रिसर्च की, तो मैंने देखा कि लोग उनके निजी रिश्तों या अफेयर्स के बारे में बात करते हैं। मैंने इन्हें फिल्म में शामिल नहीं किया, क्योंकि मैं चाहती थी कि लोग उन्हें एक प्रधानमंत्री के तौर पर देखें, न कि पुरुषों के साथ उनके रिश्तों के संदर्भ में।”
इंदिरा गांधी को एक मजबूत नेता के रूप में दिखाया
कंगना ने कहा कि फिल्म में इंदिरा गांधी को एक सशक्त नेता के रूप में पेश किया गया है, जिन्होंने इमरजेंसी और ऑपरेशन ब्लूस्टार जैसे अहम फैसले लिए। कंगना ने इस फिल्म के निर्देशन और निर्माण पर काफी मेहनत की है। फिल्म में अनुपम खेर, श्रेयस तलपड़े, महिमा चौधरी और मिलिंद सोमन जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं।
निडर रहने का मंत्र
कंगना ने कहा कि वह हमेशा अपने विचारों और काम को लेकर निडर रही हैं। उन्होंने बताया,
“पुरुषों द्वारा दी गई बदनामी के बावजूद मैंने अपनी मेहनत और लगन से अपना रास्ता बनाया। आलोचनाएं आईं, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी।”
कंगना की यह फिल्म उनके साहसी व्यक्तित्व और विचारों की झलक देती है। अब देखना यह है कि दर्शक ‘इमरजेंसी’ को किस तरह से स्वीकारते हैं।