गुर्जर समाज की नाराजगी पर भाजपा नेता विजय बैंसला का बयान: “पटरियों पर बैठना भूले नहीं हैं”

जयपुर, 26 जनवरी 2025: राजस्थान में गुर्जर समाज की नाराजगी एक बार फिर सामने आई है। भाजपा नेता विजय सिंह बैंसला ने हाल ही में एक सम्मेलन में सरकार के प्रति असंतोष जताते हुए चेतावनी दी कि गुर्जर समाज को हल्के में न लिया जाए। उन्होंने कहा, “हम पटरियों पर बैठना भूले नहीं हैं।” यह बयान गुर्जर समाज की पुरानी मांगों को लेकर सरकार की उदासीनता को लेकर दिया गया।

गुर्जर समाज की मांगें अधूरी: विजय बैंसला

गुर्जर समाज के सम्मेलन में विजय बैंसला ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान कई वादे किए थे, लेकिन उनमें से अधिकांश अब तक पूरे नहीं हुए। उन्होंने कहा कि समाज की पीड़ा लंबे समय से अनसुनी हो रही है।

  • आरक्षण आंदोलन के मुकदमे: बैंसला ने कहा कि गुर्जर आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए मुकदमों को वापस लेने का समझौता हुआ था, लेकिन सवा साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
  • नौवीं अनुसूची में एमबीसी आरक्षण: बैंसला ने संविधान की नौवीं अनुसूची में एमबीसी (मोर बैकवर्ड क्लास) आरक्षण को शामिल करने की मांग की।
  • मंत्री पद का मुद्दा: बैंसला ने यह भी सवाल उठाया कि भजनलाल कैबिनेट में गुर्जर समाज का एक भी मंत्री क्यों नहीं है।

“गुर्जर समाज हल्के में न लें सरकार”

विजय बैंसला ने स्पष्ट कहा कि गुर्जर समाज अब भी अपनी ताकत और इतिहास को नहीं भूला है। “हमने पहले भी अपनी मांगों के लिए संघर्ष किया है और जरूरत पड़ी तो फिर से करेंगे।” उन्होंने चेताया कि अगर सरकार ने समाज की मांगों को नजरअंदाज किया तो गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

भाजपा के लिए चिंता का विषय

बैंसला ने कहा कि प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार होने के बावजूद समाज के वाजिब काम नहीं हो रहे हैं। उन्होंने कहा, “लिखित में आग्रह करने और समझौता होने के बावजूद गुर्जर समाज की मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।”

क्या फिर शुरू होगा आंदोलन?

जब बैंसला से पूछा गया कि क्या गुर्जर समाज फिर से पटरियों पर बैठने की तैयारी कर रहा है, उन्होंने कहा, “इस पर समाज फैसला करेगा। लेकिन अगर सरकार की यही उदासीनता बनी रही, तो कठोर फैसले लेने से समाज पीछे नहीं हटेगा।”

गुर्जर समाज की नाराजगी का असर आगामी चुनावों पर

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले गुर्जर समाज की नाराजगी भाजपा के लिए बड़ा झटका साबित हो सकती है। गुर्जर समाज का वोट बैंक कई सीटों पर निर्णायक है। विजय बैंसला के इस बयान ने भाजपा की परेशानी और बढ़ा दी है।

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