वसुंधरा राजे और हनुमान बेनीवाल के बीच तीखी बयानबाजी: “मुझे ललकार के बताएं” – बेनीवाल का खुला चैलेंज

जयपुर, 26 जनवरी 2025: राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर से गरमाहट आ गई है। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के बीच की बयानबाजी ने राजनीतिक माहौल को और उग्र कर दिया है। हाल ही में खींवसर दौरे पर वसुंधरा राजे ने बिना नाम लिए बेनीवाल पर तंज कसा, जिसका जवाब बेनीवाल ने खुली चुनौती के रूप में दिया।

बेनीवाल की चुनौती: “मुझे ललकार के बताएं”

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में सांसद हनुमान बेनीवाल ने वसुंधरा राजे को खुली चुनौती दी। वीडियो में बेनीवाल कहते हैं, “मैडम इशारों में बातें क्यों कर रही हैं? अगर हिम्मत है तो मुझे ललकार कर बताएं। मैं खींवसर में उन्हें घुसने नहीं दूंगा।” बेनीवाल ने 2012-13 के एक पुराने वाकये का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने उस समय वसुंधरा को मूंडवा में सभा करने से रोक दिया था। उन्होंने दावा किया कि अगर वह वाकई में विरोध करने का फैसला कर लें, तो वसुंधरा राजे को खींवसर में कदम रखने नहीं देंगे।

“मेरा मूड नहीं था, नहीं तो रोक देता”

बेनीवाल ने कहा कि वसुंधरा के इस बार के खींवसर दौरे पर उन्होंने विरोध नहीं किया, क्योंकि उनका मूड नहीं था। उन्होंने कहा, “अगर मैंने विरोध का ऐलान कर दिया होता, तो उन्हें आने नहीं देता। अगर अगली बार ऐसी नौबत आई और मैंने कह दिया कि नहीं आने दूंगा, तो मतलब नहीं आने दूंगा।”

वसुंधरा राजे का इशारा: “आपको एक सही व्यक्ति मिला है”

पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने शनिवार को खींवसर में एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने नाम लिए बिना बेनीवाल पर तंज कसते हुए कहा, “मुझे विश्वास है कि लंबे समय बाद आपको एक ऐसा व्यक्ति (रेवंतराम डांगा) मिला है, जो मेहनत से आप लोगों की मदद करेगा।”
राजे ने वीर तेजाजी महाराज के दर्शन किए और जनता से मुलाकात की। उनका यह बयान बेनीवाल के प्रति अप्रत्यक्ष निशाना माना जा रहा है।

राजनीतिक अदावत का पुराना इतिहास

वसुंधरा राजे और हनुमान बेनीवाल के बीच की खींचतान कोई नई बात नहीं है। यह अदावत तब शुरू हुई जब बेनीवाल ने भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी आरएलपी (राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी) बनाई। तब से लेकर अब तक, बेनीवाल वसुंधरा राजे पर तीखे हमले करते रहे हैं।

चुनाव से पहले गरमाई राजनीति

राजस्थान में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले वसुंधरा राजे और हनुमान बेनीवाल के बीच की यह जुबानी जंग राजनीतिक माहौल को और गरमा सकती है। नागौर और आसपास के इलाकों में इन दोनों नेताओं का अच्छा प्रभाव है, और यह बयानबाजी आगामी चुनावों में बड़ा असर डाल सकती है।

 

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