जयपुर, 29 जनवरी 2025: राजधानी जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल परिसर में निर्माणाधीन आयुष्मान टावर में बुधवार सुबह अचानक आग लग गई। यह आग बेसमेंट में लिफ्ट की वेल्डिंग के दौरान निकली चिंगारी से लगी, जिससे निकलने वाला धुआं 22वीं मंजिल तक पहुंच गया। हालांकि, दमकल विभाग की तत्परता से आग पर जल्द ही काबू पा लिया गया, और कोई हताहत नहीं हुआ।
कैसे लगी आग?
सुबह 10:20 बजे के करीब SMS अस्पताल परिसर से धुआं उठता दिखा। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम तुरंत मौके पर पहुंची और आग बुझाने में जुट गई। शुरुआती जांच में सामने आया कि बेसमेंट में वेल्डिंग का काम चल रहा था, तभी चिंगारी फाइबर सामग्री पर गिर गई, जिससे आग भड़क उठी। लिफ्ट शाफ्ट के जरिए धुआं तेजी से ऊपर की मंजिलों तक फैल गया, जिससे इमारत में बड़े हादसे की आशंका पैदा हो गई थी। हालांकि, दमकल कर्मियों की मुस्तैदी से स्थिति को नियंत्रण में ले लिया गया और एक बड़ा हादसा टल गया।
क्या है आयुष्मान टावर?
- पहले IPD टावर के नाम से जाना जाता था।
- कांग्रेस सरकार के समय इसका निर्माण शुरू हुआ था।
- वर्तमान सरकार ने इसका नाम बदलकर आयुष्मान टावर कर दिया।
- 600 करोड़ रुपये की लागत से बन रहा है और इसके संचालन के लिए हर महीने 100 करोड़ रुपये की आवश्यकता होगी।
1200 बेड वाला आधुनिक अस्पताल
आयुष्मान टावर एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल होगा, जिसमें होंगे:
✅ 792 जनरल बेड
✅ 150 कॉटेज
✅ 166 ICU बेड
✅ 92 प्रीमियम रूम
✅ 20 ऑपरेशन थिएटर
✅ 100 OPD रजिस्ट्रेशन काउंटर
इसके अलावा,
- MRI, सिटी स्कैन जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी।
- फार्मेसी, मेडिकल साइंस गैलरी, सेमिनार हॉल भी उपलब्ध होंगे।
- मरीजों की सुविधा के लिए 16 लिफ्ट और 2 मंजिला पार्किंग होगी।
- इस पूरे प्रोजेक्ट को दो चरणों में पूरा किया जाएगा, जिसमें 456.80 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
बड़ी तबाही टल गई
अगर आग पर समय रहते काबू नहीं पाया जाता, तो भारी नुकसान हो सकता था। निर्माणाधीन इमारत में फायर सेफ्टी सिस्टम पूरी तरह से एक्टिव नहीं था, जिससे धुआं तेजी से फैल गया। राहत की बात यह रही कि घटना में कोई हताहत नहीं हुआ। अब प्रशासन फायर सेफ्टी को लेकर और सख्त नियम लागू करने पर विचार कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।