मणिपुर में केंद्र सरकार ने एन. बीरेन सिंह की सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया है। पीएम नरेंद्र मोदी के 11 साल के कार्यकाल में यह पहला मौका है जब बीजेपी शासित पूर्ण बहुमत की सरकार को हटाकर अनुच्छेद 356 लागू किया गया है।
मणिपुर में मई 2023 से जारी हिंसा के चलते बीजेपी सरकार पर दबाव बढ़ रहा था। 9 फरवरी को पीएम मोदी के अमेरिका दौरे से पहले बीरेन सिंह से इस्तीफा लिया गया। 10 फरवरी से शुरू होने वाला विधानसभा सत्र अचानक स्थगित कर दिया गया। 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन की घोषणा हुई। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अमेरिकी दौरे में मणिपुर मुद्दे के उठने की संभावना के चलते यह फैसला लिया गया।
कुकी समुदाय की नाराजगी बनी वजह
हिंसा के बाद बीरेन सिंह पर मैतेई समुदाय का पक्ष लेने के आरोप लगे। कुकी संगठनों ने शांति वार्ता के लिए उनके इस्तीफे की शर्त रखी थी। बीजेपी के करीब 19 विधायक भी उनसे नाराज थे।
नए मुख्यमंत्री पर सहमति नहीं
बीजेपी के स्पीकर थोकचोम सत्यब्रत सिंह, वाई. खेमचंद सिंह, टी. बिस्वजीत और गोविंददास कोंथौजम के नामों पर चर्चा हुई, लेकिन बीरेन सिंह के 15 समर्थक विधायक सहमत नहीं हुए।
6 महीने में नए चुनाव की चुनौती
बीजेपी के पास दोबारा सरकार बनाने के लिए 6 महीने का समय है। विधानसभा भंग न हो इसके लिए दो सत्रों के बीच 6 महीने से अधिक का अंतर नहीं हो सकता। सरकार बनाने से पहले कुकी और मैतेई गुटों में शांति वार्ता करवाना केंद्र के लिए सबसे बड़ी चुनौती होगी।
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