दिल्ली CM रेखा गुप्ता: “पति ने दिया हर कदम पर साथ”, कुछ ऐसा रहा अब तक का सफर

दिल्ली की राजनीति में एक नया अध्याय जुड़ चुका है। छात्र राजनीति से शुरुआत करने वाली रेखा गुप्ता अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बन गई हैं। चौथी महिला मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के बाद उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय अपने पति मनीष गुप्ता को दिया। उनका कहना है कि अगर उनके पति का साथ न होता, तो शायद यह मुकाम हासिल नहीं कर पातीं।

राजनीति में लंबा सफर

रेखा गुप्ता ने राजनीति में लंबा सफर तय किया है। पहले पार्षद, फिर नॉर्थ एमसीडी की मेयर और अब दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने तक का सफर आसान नहीं था। 50 वर्षीय रेखा गुप्ता ने हाल ही में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में शालीमार बाग सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) की प्रत्याशी बंदना कुमारी को 29,000 से अधिक वोटों से हराया।

पति ने दिया हर कदम पर साथ

रेखा गुप्ता के इस सफर में उनके पति मनीष गुप्ता का बड़ा योगदान रहा है। मनीष गुप्ता पेशे से एक व्यवसायी हैं और कोटक लाइफ इंश्योरेंस में एजेंसी एसोसिएट के रूप में भी कार्यरत हैं। शादी के बाद भी उन्होंने रेखा को राजनीति में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। इतना ही नहीं, शादी और बच्चों के बाद भी रेखा और मनीष दोनों ने एक साथ लॉ की पढ़ाई की। यह दिखाता है कि दोनों न केवल जीवन साथी हैं, बल्कि एक-दूसरे के सपनों को पूरा करने में भी मददगार साबित हुए हैं।

राजनीति और परिवार दोनों में संतुलन

रेखा गुप्ता के पति मनीष गुप्ता का मानना है कि टाइम मैनेजमेंट से सब कुछ आसान हो जाता है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि घर और बाहर दोनों जिम्मेदारियों को निभाने के लिए वे समय का सही उपयोग करते हैं। उन्होंने रेखा को हमेशा अपना स्पेस दिया और उनके राजनीतिक सफर में हर कदम पर सहयोग किया।

रेखा गुप्ता की पारिवारिक जिंदगी

रेखा गुप्ता की शादी आरएसएस विचारधारा से प्रेरित परिवार में हुई। उनके पति मनीष गुप्ता और परिवार का हमेशा से राजनीति में रुचि रही है। उनके दो बच्चे हैं—बेटा निकुंज और बेटी हर्षिता। हर्षिता अपने पिता की तरह व्यवसाय में रुचि रखती हैं, जबकि निकुंज अभी पढ़ाई कर रहे हैं।

संपत्ति और देनदारियां

रेखा गुप्ता ने अपने चुनावी हलफनामे में कुल 5.2 करोड़ रुपये की संपत्ति और 1.46 करोड़ रुपये की देनदारियां घोषित की हैं। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपने पहले संबोधन में अपने पति और परिवार को धन्यवाद दिया और कहा कि उनके सहयोग के बिना यह संभव नहीं था।

नए सफर की शुरुआत

मुख्यमंत्री बनने के बाद रेखा गुप्ता ने कहा, “मेरे पति और परिवार ने मुझे हर मोड़ पर समर्थन दिया। उनके बिना मैं यहां तक नहीं पहुंच सकती थी।” उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली के विकास और जनकल्याण के लिए वे पूरी प्रतिबद्धता के साथ काम करेंगी।

रेखा गुप्ता की यह सफलता सिर्फ एक महिला के संघर्ष की कहानी नहीं, बल्कि एक परिवार के आपसी सहयोग और समर्थन का भी उदाहरण है। राजनीति और निजी जीवन में संतुलन बनाते हुए उन्होंने यह दिखा दिया कि सही समर्थन और मेहनत से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है

manoj Gurjar
Author: manoj Gurjar

Leave a Comment

लाइव क्रिकेट

संबंधि‍त ख़बरें

सोना चांदी की कीमत