राजस्थान के भरतपुर जिले में पर्यटन विभाग में तैनात उप पर्यटन प्रबंधक पर नौकरी के बदले में महिला कलाकार के साथ छेड़छाड़ की कोशिश महंगी पड़ गई. इस मामले की जानकारी होते ही पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह (vishvendra singh) ने उनके निष्कासन का आदेश दे दिया. इस संबंध में मंत्री ने कहा कि इस तरह की बुराई को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि एक महिला कलाकार ने पर्यटन विभाग के एक पर्यटन अधिकारी पर नौकरी दिलाने के बदले अस्मत के साथ अनुबंध करने का आरोप लगाया है. इसके बाद पीड़िता ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी. हालांकि इस मामले में मंत्री ने आरोपी कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया.
राजस्थान के भरतपुर जिले में, एक महिला कलाकार ने एक पुलिस स्टेशन के पर्यटन विभाग में काम करने वाले एक पर्यटक सहायक पर कथित रूप से अस्मत मांगने का आरोप लगाते हुए छेड़छाड़ का मामला पुलिस थाने में दर्ज कराया था. इसकी सूचना मिलते ही पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने पर्यटन विभाग के उपायुक्त पर्यटन विशाल माथुर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. इस संबंध में पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव को समिति गठित कर इसकी जांच कराने का अधिकार दिया गया है. मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा है कि विभाग में इस तरह की बुराई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। साथ ही निलंबन अवधि में उप पर्यटन आयुक्त विशाल माथुर को जैसलमेर पर्यटन स्वागत केंद्र का उप महाप्रबंधक नियुक्त किया गया है.
गौरतलब है कि पुलिस में मामला दर्ज कराते हुए बताया कि वह लंबे समय से यात्रा विभाग के कार्यक्रम में हिस्सा ले रही हैं और अपना हुनर दिखा रही हैं. उनके साथ अन्य कलाकार भी भाग लेते हैं, जो पर्यटन से पैसा कमाते हैं। इसके साथ ही महिला ने आरोप लगाया है कि भरतपुर पर्यटन विभाग के पर्यटन उपायुक्त विशाल माथुर उसे कई दिनों से परेशान कर रहे हैं. उसने आगे कहा कि जब वह अप्रैल 2022 में समारोह में जाने के लिए पत्र लेने गई, तो विशाल माथुर ने उसे जबरदस्ती हाथ से खींच लिया और एक कुर्सी पर बिठा दिया और उससे कहा कि तुम बहुत अच्छा काम करोगे, तुम हमारी छोटी से मांग पूरी कर दो. महिला कलाकार का आरोप है कि इसके बाद सहायक पर्यटन अधिकारी ने कहा कि अगर काम चाहिए, तो चमड़ी और दमड़ी दोनों देनी पड़ेगी तभी काम मिलेगा.
इसकी सूचना जैसे ही पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह को मिली, जिन्हें इसकी भनक लगते ही पर्यटन एवं यात्रा विभाग के प्रभारी विशाल माथुर ने तत्काल रोक लगा दी. पर्यटन विभाग के मुख्य सचिव को भी कमेटी बनाकर जांच कराने को कहा था। मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि विभाग में इस तरह की बुराई किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।