धौलपुर, 11 मार्च 2025 – राजस्थान सरकार अवैध खनन पर लगाम कसने के लिए 1 जुलाई से नई निगरानी प्रणाली लागू करने जा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सरकार ने खनिज परिवहन में पारदर्शिता लाने के लिए वाहनों पर जीपीएस (GPS) और रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) सिस्टम अनिवार्य कर दिया है।
GPS ट्रैकिंग से मिलेगी सटीक जानकारी
धौलपुर के सरमथुरा क्षेत्र में अवैध खनन को रोकने के लिए सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग सिस्टम (ETS) लागू करने का फैसला किया है। खान विभाग के अतिरिक्त निदेशक पुष्कर राज आमेटा ने समस्त अभियंताओं को आदेश दिया है कि सभी खनिज परिवहन वाहनों में जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम अनिवार्य रूप से लगाया जाए।
नई व्यवस्था के तहत:
सिर्फ टैग लगे वाहन ही खनिज परिवहन कर सकेंगे।
बिना व्हीकल लोकेशन डिवाइस और RFID सिस्टम के ई-रवन्ना जारी नहीं होगा।
खनिज विभाग को वाहनों की लोकेशन की जानकारी लगातार मिलती रहेगी।
खनिज का परिवहन सिर्फ पंजीकृत वाहनों से ही किया जाएगा।
सभी स्टोन क्रशर, स्क्रीनिंग प्लांट और भंडारकर्ताओं को इन नियमों का पालन करना होगा।
अवैध खनन पर लगेगी रोक
अवैध खनन और ओवरलोडिंग की समस्याओं को दूर करने के लिए सरकार ने ट्रांजिट पास (TP) की जगह ई-वे बिल की नई प्रणाली लागू कर दी है। हालांकि, इससे खनिज माफियाओं को फायदा हुआ, क्योंकि ई-वे बिल प्रणाली में वाहन और खनिज का पूरा डेटा दर्ज नहीं होता।
खनिज अभियंता पुष्पेन्द्र मीणा के अनुसार, “1 जुलाई से नई व्यवस्था प्रभावी होगी। ई-रवन्ना केवल अधिकृत लीज से ही कटेगा, जिससे अवैध खनन को रोका जा सकेगा।”
खनिज परिवहन पर कड़ी निगरानी
खनिज परिवहन करने वाले वाहनों को मिनरल ट्रैकिंग सिस्टम (MTS) से जोड़ा जाएगा, जिससे:
वाहन के गंतव्य तक पहुंचने की पूरी अवधि व मार्ग की ऑनलाइन निगरानी होगी।
बिना वैध ई-रवन्ना और तय मार्ग से अन्यत्र जाने वाले वाहनों को अवैध माना जाएगा।
खनिज देने वाले स्टोन क्रशर और भंडारकर्ताओं पर भी कार्रवाई की जाएगी।
राजस्थान सरकार का यह सख्त कदम अवैध खनन पर लगाम लगाने के साथ-साथ खनिज परिवहन को पारदर्शी बनाने में भी मदद करेगा।
