राजस्थान में SI भर्ती परीक्षा 2021 से जुड़ा फर्जीवाड़ा अब प्रशासनिक गलियारों तक पहुंच गया है। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) ने जैसलमेर जिले के फतेहगढ़ के एसडीएम हनुमानाराम विरड़ा को गिरफ्तार कर लिया है। उन पर आरोप है कि उन्होंने नरपतराम नामक अभ्यर्थी की जगह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा दी थी। गुरुवार को उन्हें जयपुर की कोर्ट में पेश किया गया, जहां से SOG को एक दिन का रिमांड मिला है।
साजिश में कई नाम आने की संभावना
SOG सूत्रों के मुताबिक, रिमांड के दौरान हनुमानाराम से गहन पूछताछ की जाएगी। उन्हें नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा के सामने बैठाकर सवाल-जवाब होंगे, ताकि इस पूरे घोटाले की परतें खुल सकें। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस पूछताछ के बाद इस नेटवर्क में शामिल कई और बड़े नामों का भी खुलासा हो सकता है।
बता दें, इस मामले में पहले ही नरपतराम और उसकी पत्नी इंद्रा को गिरफ्तार किया जा चुका है। इंद्रा पर भी आरोप है कि उसने एक अन्य अभ्यर्थी हरखू जाट की जगह परीक्षा दी थी। दिलचस्प बात यह है कि इंद्रा ने खुद की परीक्षा भी दी थी, जिसमें वह असफल रही, जबकि हरखू जाट पास हो गया।
SDM हनुमानाराम की अब तक की यात्रा
हनुमानाराम विरड़ा ने प्रशासनिक सेवाओं में तेज तरक्की की थी। उन्होंने RAS परीक्षा 2021 में 22वीं रैंक हासिल की थी। इससे पहले वे 2018 में सांख्यिकी विभाग में चयनित हुए थे और तब से ही RAS की तैयारी कर रहे थे। सफल होने के बाद उनकी पहली पोस्टिंग जालोर जिले के चितलवाना में एसडीएम के रूप में हुई थी। इसके बाद वे बागोड़ा, शिव और हाल ही में फतेहगढ़ में तैनात हुए थे।
प्रशासनिक व्यवस्था पर सवाल
एक उच्च पदस्थ अधिकारी का इस तरह के फर्जीवाड़े में लिप्त पाया जाना राज्य की प्रशासनिक साख पर गंभीर सवाल खड़े करता है। यह मामला न केवल व्यवस्था पर गहरा आघात है, बल्कि उन हजारों ईमानदार अभ्यर्थियों के साथ अन्याय भी है, जिन्होंने मेहनत और ईमानदारी से परीक्षा दी थी। SOG की जांच आगे बढ़ रही है और पूरे राज्य की नजरें अब इस घोटाले के अगले खुलासों पर टिकी हुई हैं।
