राजस्थान के दौसा जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां 10वीं बोर्ड परीक्षा में कम अंक आने से डरकर एक नाबालिग ने अपने ही अपहरण की साजिश रच दी। उसने न केवल घर से भागने की योजना बनाई बल्कि एक धमकी भरा पत्र छोड़ गया, जिसमें लिखा था – “तेरा बेटा मारा गया, 7:30 पर लाश मिलेगी…”। परिजनों और पुलिस के लिए यह 48 घंटे बेहद तनावपूर्ण रहे, लेकिन राहत की बात यह रही कि बच्चा बाड़मेर जिले के बालोतरा में सही-सलामत मिला।
क्या था मामला?
मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र के उदयपुरा रोड निवासी यह नाबालिग रविवार को अपने पिता को टिफिन देने दुकान गया था। लौटते समय वह लापता हो गया। थोड़ी देर बाद पिता की दुकान से लगभग 300 मीटर दूर उसकी साइकिल और एक धमकी भरा पत्र बरामद हुआ। इससे परिवार में हड़कंप मच गया और परिजनों ने अपहरण की आशंका जताते हुए बालाजी थाने में मामला दर्ज कराया।
पुलिस ने ऐसे किया पता
जिलेभर में पुलिस ने तलाशी अभियान शुरू किया। इसी बीच बालाजी थाना प्रभारी गौरव प्रधान को सूचना मिली कि बच्चा बालोतरा के दुदवा रेलवे स्टेशन पर देखा गया है। हैड कांस्टेबल उदय मीना, कांस्टेबल कपिल जैमन और बच्चे के चाचा को तुरंत बालोतरा भेजा गया। मंगलवार दोपहर 2 बजे टीम नाबालिग को लेकर बालाजी थाना पहुंची।
बकरवाल ने खोला राज
बांदीकुई से ट्रेन पकड़कर नाबालिग बालोतरा के दुदवा स्टेशन पहुंचा। वहां से वह करीब 3 किलोमीटर पैदल चला और एक बकरवाल से पानी मांगा। नाबालिग की हालत और व्यवहार देख बकरवाल को संदेह हुआ। उसने उसे अपने घर ले जाकर भोजन कराया और परिजनों का नंबर लेकर संपर्क किया। पुलिस की बातचीत में सारी सच्चाई सामने आई।
धमकी भरा पत्र खुद लिखा था
नाबालिग की मां ने बताया कि बच्चे ने खुद ही वह धमकी भरा पत्र लिखा था, जिससे उसका ‘अपहरण’ दिखे। पुलिस जांच में पता चला कि 10वीं बोर्ड परीक्षा में कम अंक आने के डर से बच्चा यह कदम उठाया। उसने घरवालों की डांट से बचने के लिए खुद ही भागने की योजना बनाई थी।
बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश
फिलहाल बच्चे को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया है। औपचारिक प्रक्रिया के बाद उसे परिजनों को सौंप दिया जाएगा। इस मामले के बाद समाजसेवियों ने बालाजी थाना प्रभारी गौरव प्रधान का माला व साफा पहनाकर स्वागत किया।
