राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) मेन्स परीक्षा 2024 को लेकर उठ रही असंतोष की आवाज अब सत्ता के गलियारों तक पहुंच गई है। राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को एक खुला पत्र लिखते हुए परीक्षा की तारीख आगे बढ़ाने की मांग की है। उन्होंने परीक्षा की नई तारीख तय करने से पहले अभ्यर्थियों की मांगों पर गंभीरता से विचार करने की अपील की है।
परीक्षा की तारीख को लेकर विवाद
गौरतलब है कि RAS मेन्स परीक्षा 2024 का आयोजन 17 और 18 जून 2025 को प्रस्तावित है। लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि अभी तक RAS 2023 की साक्षात्कार प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है और उसका अंतिम परिणाम भी लंबित है। ऐसे में, नई परीक्षा का आयोजन उन उम्मीदवारों के लिए अनुचित होगा जो दोनों परीक्षाओं में शामिल हैं।
दिया कुमारी का पत्र: “अभ्यर्थियों के हित में हो निर्णय”
दीया कुमारी ने पत्र में लिखा, “RAS 2023 का अंतिम परिणाम घोषित होने के बाद ही RAS 2024 की मुख्य परीक्षा कराई जाए, ताकि अभ्यर्थियों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय मिल सके।”
उन्होंने आगे लिखा कि यह कदम अभ्यर्थियों के भविष्य और मानसिक स्वास्थ्य दोनों के लिए जरूरी है। साथ ही मुख्यमंत्री से इस मामले में त्वरित, न्यायसंगत और संवेदनशील निर्णय लेने की अपील की।
सोशल मीडिया पर अभियान, सड़कों पर प्रदर्शन
परीक्षा को स्थगित करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने जयपुर में पैदल मार्च किया और सोशल मीडिया पर #RAS_MAINS_स्थगित_करो जैसे हैशटैग के साथ व्यापक अभियान चलाया है। उनका कहना है कि बिना परिणाम घोषित हुए अगली परीक्षा कराना न सिर्फ अनुचित है, बल्कि इससे मेधावी अभ्यर्थियों का नुकसान भी हो सकता है।
पूर्व में भी उठा था विवाद
यह पहली बार नहीं है जब RAS मेन्स परीक्षा की तारीख को लेकर विवाद खड़ा हुआ हो। 2022 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ऐसी ही मांगों को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि परीक्षा समय पर आयोजित होनी चाहिए। अब देखना होगा कि भजनलाल शर्मा की सरकार इस बार क्या रुख अपनाती है।
अभ्यर्थियों की मुख्य आपत्तियां:
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RAS 2023 की साक्षात्कार प्रक्रिया अब भी जारी है
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अंतिम परिणाम घोषित नहीं हुआ
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कई अभ्यर्थी दोनों परीक्षाओं में शामिल
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उत्तर पुस्तिकाएं अभी तक प्राप्त नहीं हुईं
निष्कर्ष
उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी का यह पत्र न सिर्फ सरकार को संवेदनशील निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकता है, बल्कि हज़ारों अभ्यर्थियों की उम्मीदों को भी नई दिशा दे सकता है। अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अगला कदम यह तय करेगा कि सरकार कितनी तत्परता से युवाओं की समस्याओं को सुन रही है।
