जयपुर-आगरा नेशनल हाईवे पर लगातार बढ़ते वाहन दबाव और आए दिन लगने वाले जाम से निपटने के लिए जिला प्रशासन और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने बड़ा कदम उठाया है। जयपुर-आगरा रोड पर स्थित कई खतरनाक ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित कर उनके समाधान की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। खासतौर पर हाईवे पर बने कट के कारण हो रहे हादसों को रोकने के लिए अब इन कट्स को बंद करने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है।
हाल ही में जिला कलेक्ट्रेट में हुई रोड सेफ्टी कमेटी की बैठक में NHAI ने तीन प्रमुख स्थलों—कानोता, बस्सी टी पॉइंट और बांसखो फाटक—पर फ्लाइओवर निर्माण का प्रस्ताव रखा, जिसे जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी ने मंजूरी दे दी है। ये सभी स्थान जयपुर-आगरा बाइपास पर स्थित हैं और अब तक गंभीर सड़क हादसों के लिए जाने जाते रहे हैं।
88 ब्लैक स्पॉट चिन्हित, अगले दो हफ्तों में शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया
NHAI के मुताबिक जिलेभर में अब तक कुल 88 ब्लैक स्पॉट्स को चिन्हित किया जा चुका है। कानोता, बस्सी टी पॉइंट और बांसखो फाटक को सबसे संवेदनशील क्षेत्र मानते हुए यहां लगभग 35-35 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाइओवर बनाए जाएंगे। इस परियोजना की टेंडर प्रक्रिया अगले दो सप्ताह में पूरी होने की संभावना है।
बगराना क्षेत्र में कट होगा बंद
इसके अलावा, रिंग रोड से पहले बगराना क्षेत्र में 52 फीट हनुमान मंदिर के सामने बने कट को भी बंद करने का निर्णय लिया गया है। यहां आए दिन लगने वाले जाम और दुर्घटनाओं को रोकने के लिए यह कदम उठाया गया है।
भांकरोटा अग्निकांड बना चेतावनी
जयपुर के भांकरोटा में हुए बड़े अग्निकांड के बाद जिला प्रशासन ने रोड सेफ्टी को लेकर सतर्कता और बढ़ा दी है। प्रशासन की निगरानी में अब जयपुर के चार प्रमुख मार्ग—अजमेर रोड, सीकर रोड, आगरा रोड और दिल्ली रोड—पर खतरनाक कट्स को बंद करने, साइन बोर्ड लगाने और सड़क संकेत प्रणाली को सुधारने का काम किया जा रहा है।
क्या होगा असर?
इस कदम से न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी, बल्कि रोजाना जाम की स्थिति से जूझ रहे वाहन चालकों को भी बड़ी राहत मिलेगी। प्रशासन और NHAI का यह संयुक्त प्रयास जयपुरवासियों के लिए आने वाले दिनों में बड़ी सौगात साबित हो सकता है।
