प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 28 जुलाई को राजस्थान के नागौर जिले के खरनाल में एक कार्यक्रम होना था. इसे अभी स्थगित कर दिया गया है. इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी केंद्रीय कृषि मंत्री कैलाश चौधरी (खरनाल नागौर) को दी गई थी. इसलिए कैलाश चौधरी भी नागौर खरनाल गए. हालांकि वहां जाकर ग्रामीणों ने शिकायत की.
लोगों का कहना है कि विकास कार्य ठीक से नहीं हुआ. इसी बीच दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष को पता चला कि पीएम का कार्यक्रम स्थगित हो गया है. अब 15 अगस्त के बाद कार्यक्रम हो सकता है। वहीं, बीजेपी के कुछ पदाधिकारियों का कहना है कि उनके बारे में पहले भी कोई जानकारी नहीं थी और अब भी नहीं है.
बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष सतीश पूनिया ने हाल ही में नागौर में एक भव्य समारोह आयोजित किया था, जिसमें काफी लोग जुटे थे. इससे एक बेहतर माहौल तैयार हुआ. आगे देखते हुए बीजेपी प्रधानमंत्री की योजना बना रही थी. इसमें किसानों, जाटों और युवाओं को उनके हित के लिए एक कार्यक्रम में एक साथ लाने की योजना तैयार की गई. ऐसे में राजस्थान बीजेपी ने मिशनरी मोड में काम करना शुरू कर दिया है. इसे हासिल करने के लिए बाड़मेर सांसद कैलाश चौधरी फतेह के मंत्रिमंडल के मुखिया बने. लेकिन कल नागौर के खरनाल में उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ. सूत्रों ने बताया कि उन्हें काला झंडा भी दिखाया गया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से कई संदेश भेजने की बीजेपी तैयारी कर रही थी। देशभर के 9 करोड़ किसानों के खाते में किसान सम्मान निधि ट्रांसफर करने की तैयारी कर ली गई थी. नागौर जिले में अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए बीजेपी प्रधानमंत्री का दौरा करना चाहती है. ऐसे में जब कार्यक्रम स्थगित हुआ तो तरह-तरह की राजनीतिक चर्चाएं शुरू हो गईं. अब यह कार्यक्रम 15 अगस्त के बाद किया जा सकता है. सूत्रों के मुताबिक, अगली बार इस कार्यक्रम की जिम्मेदारी किसी अन्य नेता को सौंपी जा सकती है.