हर किसी की जिंदगी में तस्वीरें बेहद अहम होती हैं। लोग उनकी कहानियों को सिर्फ तस्वीरों के जरिए ही देखते और समझते हैं। फोटोग्राफी के महत्व को उजागर करने के लिए हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है।
तस्वीरें हर किसी के लिए खास होती हैं, क्योंकि वे आपको अपने जीवन के अतीत के पलों को वापस जीने का मौका देती हैं। लेकिन विश्व इतिहास में फोटोग्राफी के महत्व को समझने की जरूरत है। क्योंकि तस्वीरों के जरिए ही हमें पता चलता है की इतिहास के पन्नों पर क्या लिखा गया है।
तस्वीरों के जरिये बीते हुए इतिहास को संजो कर रखने वाली फोटोग्राफी का इतिहास काफी पुराना है. विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाने की शुरुआत 1837 में फ्रांस में हुई थी। फ्रांस के जोसेफ निसेफोर और लुईस डोगर ने इस दिन की शुरुआत 19 अगस्त को की थी। तब की सरकार ने घोषणा की थी कि वे इस दिन से विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाएंगे। तब से हर साल 19 अगस्त को विश्व फोटोग्राफी दिवस मनाया जाता है।
फ़ोटोग्राफ़र आज तस्वीरें लेने के लिए नवीनतम तकनीक वाले कैमरों का उपयोग करते हैं। ऐसे में हर किसी के हाथ में एक स्मार्टफोन है जो हर पल को मिनटों में कैद कर सकता है। लेकिन जब पहली तस्वीर ली गई थी तो यह कैसे संभव हुआ होगा? बता दें कि साल 1839 में रॉबर्ट कॉर्नेलियस नामक व्यक्ति ने फिलाडेल्फिया में अपने पिता के स्टोर की तस्वीर लेने के लिए एक कैमरा सेट किया और तस्वीर खींच ली। फिर, लगभग 3 मिनट की रिकॉर्डिंग के बाद, एक स्नैपशॉट लिया गया।
विश्व फोटोग्राफी दिवस का उद्देश्य फोटोग्राफी की कला को बढ़ावा देना है। इसी वजह से इस दिन विभिन्न कार्यक्रम और फोटो प्रदर्शनियां आयोजित की जाती हैं। यहां शहर की मशहूर तस्वीरें दिखाई जाती हैं। विश्व फोटोग्राफी दिवस पूरे देश में मनाया जाता है। उन्हें प्रत्येक वर्ष एक विषय प्रस्तुत किया जाता है। विश्व फोटोग्राफी दिवस 2023 के लिए निर्धारित थीम “लैंडस्केप” है।