कोटा 27 अगस्त। मिशन-2030 अभियान के तहत आयुष विभाग के अधिकारियों, विभिन्न विभागों एवं प्रबुद्ध नागरिकों द्वारा राजस्थान के स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार व नवाचार के सम्बन्ध में चिकित्सा भवन के सभागार में संवाद कार्यक्रम आयोजित कर सुझाव दिये।
आयुर्वेद विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. सुभाष चंद्र शर्मा ने आयुर्वेद का महत्व समझाते हुए कहा कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर मिशन-2030 के संपूर्ण स्वास्थ्य के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। संभागीय सहायक निदेशक डॉ. रेवती रमण पारीक ने सुझाव दिया कि गर्भवती व किशोरी महिलाओं के एनीमिया के लिए औषधि का बजट आवंटन कर आयुर्वेदिक विभाग को जिम्मेदारी दी जाए तो एनीमिया के साथ-साथ महिलाओं के संपूर्ण स्वास्थ्य को अर्जित किया जा सकता है ।
उपनिदेशक डॉ.जसवंत सिंह मीणा ने बताया की अत्यावश्यक आयुर्वेदिक औषधियों को सूचीबद्ध करके पर्याप्त मात्रा में सप्लाई से रोगियों को निशुल्क औषधिया मिले तो स्वास्थ्य के क्षेत्र में सुधार आयेगा। इस अवसर पर अन्य विभाग के कार्मिकों व प्रबद्धजन द्वारा आधुनिक जीवन शैली से होने वाले रोगों के बचाव के लिए आयुर्वेद की महता को माना व औषधालय में पर्याप्त औषधि पूर्ण स्टाफ व संसाधनों से विभाग को सशक्त करके मुख्यमंत्री के राजस्थान विजन 2030 के लक्ष्य को प्राप्त करने का सुझाव दिया।
इस अवसर पर बारा उपनिदेशक डॉपी डी शर्मा ,सहायक उपनिदेशक कोटा डॉ. जैनेंद्र शर्मा, डॉ.पवन सोनी, डॉ.तेजस गोयल, डॉ.विद्याधर शर्मा, डॉ नरेंद्र मीणा, डॉ. अभिनव, डॉ रविंद्र गौतम, डॉ. कुलदीप आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किया