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छोलाछाप डाक्टर के गलत इंजेक्शन से मरीज की मौत, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार

कोटा संभाग के बूंदी जिले के इंद्रगढ़ में एक झोलाछाप डॉक्टर के गलत इंजेक्शन लगाने से एक मरीज की मौत हो गई और फिर घबराए डॉक्टर ने शव को क्लिनिक में बंद कर दिया और खुद बागेश्वर धाम पंडित धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने चला गया। वह वापस आया, अपने दोस्त के साथ क्लिनिक खोला, शव को बाहर निकाला, कार में रखा और एक सुनसान इलाके में शव को लिटा दिया। इसके बाद फोन शव के पास रख दिया और मौके से भाग गया। हालांकि पुलिस ने मामले का पता लगा लिया.

इंद्रगढ़ थाना क्षेत्र में लोनवा-सुमेरगंजमंडी रोड पर 4 सितंबर को एक शव मिलने के बाद हुई कथित हत्या की जांच के बाद पुलिस ने मामले में एक झोलाछाप डॉक्टर को गिरफ्तार किया है. मृतक के भतीजे रघुवीर ने अपने चाचा गुर्जर की हत्या किये जाने की आशंका जताते हुए रिपोर्ट दर्ज करायी थी. रिपोर्ट में बताया गया कि देवपुरा गांव निवासी हजारी लाल गुर्जर (38) पुत्र ओमप्रकाश बीमार होने की बजह से घर से निकल कर इंद्रगढ़ सुमेरगंजमंडी के हरिओम सैनी अस्पताल में खांसी-जुकाम का इलाज कराने गया था। जब वह सुबह 9 से 10 बजे के बीच घर नहीं आया तो हमने उसे रात भर ढूंढने की कोशिश की लेकिन वह कहीं नहीं मिला. 5 सितंबर को काकाजी ओमप्रकाश का शव सुमेरगंजमंडी में लोनावा रोड पर हरिनारायण कुएं के सामने सड़क किनारे पड़ा मिला था। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

पुलिस टीम ने वहां और आसपास के लोगों से पूछताछ की और गुप्त रूप से जानकारी जुटाई. सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई और गोपनीय जानकारी के साथ हेल्पलाइन से पता चला कि मृतक ओमप्रकाश घटना के दिन सुबह 10 बजे के बाद अपने बुखार का इलाज कराने के लिए सुमेरगंज मंडी पहुंचा था और हरिओम अक्सर उसका इलाज करता था। जब हरिओम की दुकान की तलाशी ली गई तो वह बंद मिली. इसके बाद हरिओम की तलाश की गई और उसे गिरफ्तार कर लिया गया, पूछताछ की गई और मामले की गहन जांच की गई।

ओमप्रकाश बुखार की दवा लेने के लिए हरिओम के क्लिनिक आया था। डॉक्टर हरिओम ने उन्हें इलाज के लिए दवा दी, जिसके बाद ओमप्रकाश का रक्तचाप और हृदय गति कम हो गई. इसके बाद आरोपी हरिओम घबरा गया। हरिओम ने ओमप्रकाश को बेहोशी की हालत में अपनी क्लीनिक के अन्दर कमरे में ही लिटा दिया और क्लिनिक बंद कर बारां स्थित काठा बाबा बागेश्वर धाम चला गया। रात 10 बजे वह अपने साथी दीपक के साथ आया और अस्पताल खोला। दोनों ने ओमप्रकाश के शव को अपनी कार में डाला और इन्द्रगढ़ होते हुए लोनावा सुमेरगंजमंडी रोड पर सुनसान जगह पर लेटा कर मृतक का मोबाइल उसके हाथ में रख कर वहां से दोनों चले गए.

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