कोटा 12 सितम्बर। राजस्थान की अद्वितीय संस्कृतिए धरोहरए स्थापत्य कला और पर्यटन स्थल देश ही नहीं विदेशों में भी अपनी अलग पहचान रखते हैं। कोटा में बने चंबल रिवर फ्रंट से राज्य में अब पर्यटन के नए आयाम विकसित होंगे। देश के पहले हैरिटेज रिवर फ्रंट की खूबसूरती देखते ही बनती है। भविष्य में पर्यटन केंद्र बनने से यह रिवर फ्रंट प्रदेश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान देगा। यहां घाटों पर अद्भुत कलाकारियों से देश.विदेश की संस्कृति एवं स्तथापत्य कला को उकेरा गया है। इससे प्रदेश में देशी.विदेशी सैलानियों में भी बढ़ोतरी होगी।
रिवर फ्रन्ट के दोनों तटों पर 27 घाटों का निर्माण किया गया है।
चंबल माता घाट . यहां वृंदावन गार्डन की तर्ज पर चम्बल माता घाट गार्डन सहित विकसित किया गया है। इसमें खूबसूरत म्यूजिकल फाउण्टेन का निर्माण भी किया गया है। इस घाट पर 42 मीटर ऊंची वियतनाम मार्बल से चम्बल माता की मूर्ति स्थापित की गई है। साथ हीए इसमें मुकुट महल का निर्माण किया गया है। जिसमें रिवर फ्रंट का विशालकाय मॉडलए संग्रहालय एवं व्यु पॉईंटस का निर्माण भी किया गया है।
गणेश पोल . इसमें दो विशालकाय महराबों पर निर्माण किया गया हैए जिसपर गणेश जी की मूर्ति स्थापित की गई है। यहां पर फसाड़ को आगरा फोर्ट की तर्ज पर विकसित किया गया है।
मरू घाट . इस घाट पर गन मेटल की छः ऊंटों की प्रतिमाएं स्तथापित की गई हैं। यहां रेगिस्थान के जहाजों की प्रतिमाएं आकर्षक है
जंतर मंतर घाट . इस घाट पर फाउंटेन सहित 12 राशि चक्रों को दर्शाया गया है। इसके अलावा इसमें सूर्य यंत्र एवं राशि यंत्र का निर्माण किया गया है।
विश्व मैत्री घाट . इस घाट पर 10 मीटर व्यास के ग्लोब का निर्माण किया गया है। इस प्रतिकृति में सम्पूर्ण विश्व समाहित है। यहां विभिन्न देशों के झंडे भी लगाए गए हैं। इसके फसाड़ में 9 विश्व प्रसिद्ध इमारतों की प्रतिकृति का निर्माण भी किया गया है। साथ हीए यहां पर सम्बन्धित देशों के व्यजंन भी परोसे जाएंगे।
हाड़ौती घाट . यहां फसाड़ में हाड़ौती की समृद्ध वास्तुशिल्प को अंकित किया गया हैए जिसमें बूंदी के तारागढ़ फोर्ट के मुख्य द्वार गणेश पोल का निर्माण किया गया है एवं हाड़ी रानी एवं मां पन्नाधाय की गन मेटल की आदमकद मूर्तियां लगाई गई हैंए इसके अलावा 84 खम्बों की छतरी का भी निर्माण किया गया है।
महात्मा गांधी सेतू . रामपुरा श्मशान पर पर्यटकों के आवागमन हेतु महात्मा गांधी सेतू का निर्माण किया गया है।
कनक महल. इसमें 6 टावर्स का निर्माण किया गया है। इसमें वाटर पार्क व रेस्टोरेंट का निर्माण किया गया है।
फव्वारा घाट. इसमें खूबसूरत लगून मय सीढ़ियो के निर्माण किया गया है एवं इसमें विश्व स्तरीय लीनियर फाउन्टेन शो को विकसित किया गया है। साथ फसाड़ में व्यावसायिक दुकाने एवं फूड कोर्ट का भी निर्माण किया गया है।
रंगमंच घाट. इसमें एम्फी थियेटर मय ग्रीन रूम का निर्माण किया गया हैए एवं घाटों को पियानो के की.बोर्ड के रूप में विकसित किया गया है।
साहित्य घाट. यहां बांसवाड़ा मार्बल से खूबसूरत विशाल खुली किताब एवं पुस्तक महल का निर्माण किया गया है। फसाड़ में भू.तल पर लाईब्रेरी एवं प्रथम तल पर कैफेटेरिया विकसित किया गया है।
उत्सव घाट. इसमें बैंकेट हॉलए खूबसूरत छतरियाँए केसकेड एवं स्टार फाउन्टेन का निर्माण किया गया है।
सिंह घाट. इसमें बांसवाड़ा मार्बल के 9 शेरों को लगाया गया है। जिनका वजन लगभग 35 टन एवं आकार 15 फीट ऊंचा 11 फीट लम्बा एवं 6 फीट चौड़ा है। इसके मध्य में रानी महल बनाया गया हैए जिसमें फूड कोर्ट को विकसित किया गया है। यहां फसाड़ में व्यावसायिक दुकानों का निर्माण भी किया गया है।
नयापुरा गार्डन. यहां पर खूबसूरत बावड़ी एवं उद्यान का निर्माण किया गया है। यह रिवर फ्रंट का प्रवेश द्वारा है। इसमें पार्किग स्थल भी विकसित किया गया है।
जवाहर घाट. इस घाट पर पण् जवाहर लाल नेहरू का गन मेटल से बना फेस मास्क लगाया गया हैए जो कि 32 फीट ऊंचा एवं 25 टन वजनी है। पर्यटक मूर्ति की आंख के तल पर चढकर नेत्रों से पूर्वी तट के घाटो एवं चम्बल माता की मूर्ति को निहार सकते है।
गीता घाट. इसमें वियतनाम मार्बल के पट्टिका में गीता के सम्पूर्ण 18 अध्याय के समस्त 700 श्लोकों को उकेरा किया गया है।
शान्ति घाट. इस घाट पर योग मुद्रा में इन्विजिबल स्कलप्चर लगाया गया हैए जिसमें मानव शरीर के सातों चक्रों को दर्शाया गया है।
नन्दी घाट. इस घाट पर नन्दी की 25 फीट लम्बी 15 फीट चौड़ी एवं 20 फीट ऊंची ;अधिकतम ऊंचाईद्ध की प्रतिमा लगाई गई है।
वेदिक घाट. इस घाट पर पंच तत्वों को दर्शाते हुएए बाडोली शैली में 5 मंदिरों का निर्माण किया गया है।
रोशन घाट. इस घाट में इस्लामिक फेज की वास्तुकला को दर्शाया गया है। इसके बीच में जन्नती दरवाजे का निर्माण किया गया है।
घंटी घाट. इसमें विश्व का सबसे बड़ा धातु का घंटा लगाया गया है।
तिरंगा घाट. इस घाट पर भारत का विशाल राष्ट्रीय ध्वज लगाया गया है।
शौर्य घाट. यह पश्चिमी छोर का प्रवेश द्वार है। इस चौक में विशाल पार्किंगए पर्यटकों के लिए इन्फोरमेशन सेंटरए रेस्टोरेंट आदि की व्यवस्था की गई है।
राजपूताना घाट. इस घाट में राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों जैसे. मेवाड़ए मारवाड़ए ढूंढाड़ए बांगड़ए हाडौती क्षेत्र की विभिन्न इमारतो की प्रतिकृतिया बनाई गई है जैसे.पौद्दार हवेलीए जगमंदिरए जगनिवासए गणगौरी घाटए हवामहलए गणेशपोलए सरगासुलीए विजय स्तम्भए ब्रहमा मंदिरए रणकपुरए पटवा हवेली आदि का निर्माण किया गया है।
जुगनू घाटः. इस घाट में एलण्ईण्डीण् के फ्लोरा एण्ड फोना का निर्माण किया जाएगा। इसमें एक ऑपन थियटर का भी निर्माण किया गया है।
हाथी घाट . इसमें प्राकृतिक चट्टानों पर सफेद मार्बल के हाथी लगाये गये हैं।
बालाजी घाट . इस घाट पर बटक बालाजी मंदिर का निर्माण किया गया है एवं पूर्व में निर्मित एतिहासिक मदीरों की धरोहर को भी संरक्षित किया गया है।