17 जुलाई 2025 — रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री परेड के दौरान मची भगदड़ की जांच रिपोर्ट सामने आ गई है। कर्नाटक सरकार द्वारा उच्च न्यायालय को सौंपी गई रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, RCB ने 4 जून को आयोजित की गई विजय परेड के लिए पुलिस से कोई आधिकारिक अनुमति नहीं ली थी और बिना पूर्व मंजूरी के ही सोशल मीडिया के माध्यम से आम लोगों को आमंत्रित किया था।
बिना अनुमति और तैयारी के किया आयोजन
सरकार ने रिपोर्ट में कहा है कि 3 जून 2025 को, RCB प्रबंधन ने केवल सूचना देने के रूप में पुलिस से संपर्क किया था — यह एक औपचारिक अनुमति की प्रक्रिया नहीं थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि किसी भी सार्वजनिक आयोजन के लिए सात दिन पहले लिखित अनुमति लेनी होती है, लेकिन आयोजकों ने न तो तय प्रारूप में कोई आवेदन दिया और न ही अपेक्षित जानकारी साझा की।
सोशल मीडिया पर किया गया खुला आमंत्रण
RCB ने 4 जून की सुबह 7:01 बजे अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल्स पर पोस्ट कर जनता को निशुल्क प्रवेश के साथ विजय परेड में आमंत्रित किया। इसके बाद 8 बजे एक और पोस्ट में इसी जानकारी को दोहराया गया और सुबह 8:55 बजे विराट कोहली का एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसमें उन्होंने बेंगलुरुवासियों से इस जीत का जश्न मनाने की अपील की।
सीमित पास का जिक्र बहुत देर से
विजय परेड की घोषणा के बाद दोपहर 3:14 बजे RCB ने एक और पोस्ट किया, जिसमें पहली बार यह उल्लेख किया गया कि सीमित प्रवेश के लिए मुफ़्त पास उपलब्ध हैं — जबकि इससे पहले तक के सभी पोस्ट आम जनता को खुले आमंत्रण जैसे थे। इस भ्रम ने भारी भीड़ को आकर्षित किया और चिन्नास्वामी स्टेडियम तक पहुंचते-पहुंचते भीड़ अनियंत्रित हो गई।
11 की मौत, 50 से ज्यादा घायल
इस अव्यवस्थित आयोजन के कारण भगदड़ मच गई जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए। इस घटना के बाद पूरे राज्य में सुरक्षा इंतजामों और जिम्मेदारियों को लेकर सवाल उठे।
अदालत ने किया रिपोर्ट सार्वजनिक
कर्नाटक उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद यह रिपोर्ट सार्वजनिक की गई है। राज्य सरकार ने इसे गोपनीय रखने का आग्रह किया था, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया। अदालत ने कहा कि इस रिपोर्ट को छिपाने का कोई वैधानिक आधार नहीं है और जनता को इसके बारे में जानने का अधिकार है।
क्या कहता है कानून?
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों के लिए स्थानीय पुलिस और जिला प्रशासन से लिखित अनुमति, भीड़ प्रबंधन योजना, और आपातकालीन सेवाओं की तैनाती आवश्यक होती है। RCB द्वारा इनमें से कोई भी औपचारिक प्रक्रिया पूरी नहीं की गई।
अब आगे क्या?
राज्य सरकार और पुलिस विभाग अब इस मामले में जिम्मेदारों की भूमिका तय करने में जुटे हैं। अदालत के निर्देश पर दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी संभावना है। साथ ही, भविष्य में इस तरह के आयोजनों के लिए अधिक सख्त नियम और निगरानी की व्यवस्था की जा सकती है।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।