दौसा (राजस्थान), 8 अगस्त:
राजस्थान के दौसा जिले के सिकराय क्षेत्र स्थित सीकरी गांव में बुधवार शाम एक भयानक घटना ने पूरे गांव को हिला कर रख दिया। पास की पहाड़ी से अचानक पत्थरों की बारिश होने लगी, जिससे कई घरों की छतें, आंगन और कमरे तक चपेट में आ गए। गनीमत रही कि इस घटना में कोई गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ, लेकिन यह हादसा एक बड़े खतरे की चेतावनी बन गया है।
रसोई से आंगन तक गिरे पत्थर, मची अफरा-तफरी
गांव में जब तेज धमाकों के साथ पत्थर गिरने लगे, तो महिलाएं, जो रसोई में खाना बना रही थीं, और बच्चे जो आंगन में खेल रहे थे, जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। ग्रामीणों के अनुसार, यह सब पड़ोसी पहाड़ी क्षेत्र में हो रही अवैध ब्लास्टिंग के कारण हुआ, जो कि काफी समय से लगातार जारी है।
पहाड़ी से महज 50 मीटर दूर है घनी आबादी
गांव के लोग काफी समय से इस समस्या की शिकायत कर रहे हैं। पहाड़ी से सिर्फ 50 मीटर की दूरी पर घनी आबादी, एक सरकारी स्कूल, और एक मंदिर मौजूद है। इसके बावजूद प्रशासन की चुप्पी और खनन विभाग की लापरवाही से गांव हर दिन भय के साये में जीने को मजबूर है।
पहले भी हो चुके हैं हादसे
यह पहली बार नहीं है जब ब्लास्टिंग के कारण गांव संकट में आया हो। ग्रामीणों ने बताया कि इससे पहले स्कूल में पढ़ने वाला एक छात्र पत्थर लगने से गंभीर रूप से घायल हो चुका है। बिजली की लाइनें कई बार टूट चुकी हैं, जिससे सप्लाई बाधित होती रही है।
घटना के बाद प्रशासन हरकत में
घटना की खबर मिलते ही सिकराय उपखंड अधिकारी डॉ. नवनीत कुमार रात में ही गांव पहुंचे। उन्होंने स्थानीय अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण किया और ग्रामीणों की समस्याएं सुनीं। इस दौरान ग्रामीणों ने उन्हें ज्ञापन सौंपकर अवैध खनन और ब्लास्टिंग बंद करवाने तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।
ग्रामीणों में गुस्सा और डर का माहौल
गांव के हजारी सिंह राजपूत, हरिराम प्रजापत, शंभू योगी, रमेश हरिजन समेत कई ग्रामीणों के घरों और आंगनों में इस बार भी पत्थर गिरे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ब्लास्टिंग से सिर्फ छतें नहीं टूटीं, मकानों की नींव भी कमजोर हो रही है। महिलाएं और बुजुर्ग हर समय डर के माहौल में जी रहे हैं।
निष्कर्ष:
सीकरी गांव में हो रही अवैध ब्लास्टिंग सिर्फ कानून का उल्लंघन नहीं, बल्कि जानलेवा खतरा बन चुकी है। यदि प्रशासन ने जल्द सख्त कदम नहीं उठाए, तो अगली बार यह हादसा किसी की जान भी ले सकता है। ग्रामीणों की मांग साफ है — तत्काल कार्रवाई, खनन पर रोक और दोषियों को सज़ा।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।