नई दिल्ली, 4 अगस्त 2025 — अगर आप भी दिनभर में कई बार UPI ऐप से बैलेंस चेक करते हैं या अपने बैंक अकाउंट की जानकारी बार-बार देखने की आदत रखते हैं, तो अब आपकी ये आदत थोड़ी महंगी पड़ सकती है। 1 अगस्त 2025 से पूरे देश में UPI (Unified Payments Interface) के नए नियम लागू हो चुके हैं। ये नियम नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ओर से लाए गए हैं, जिनका मकसद UPI सिस्टम को अधिक भरोसेमंद और कम लोड वाला बनाना है। NPCI ने मई 2025 में इन बदलावों की घोषणा की थी और सभी बैंकों, ऐप्स और पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) को इन्हें 31 जुलाई तक लागू करने के निर्देश दिए गए थे। अब ये नियम प्रभावी हो चुके हैं और हर UPI यूजर को इनके बारे में जानना बेहद जरूरी है।
अब रोजाना सिर्फ 50 बार ही कर सकेंगे बैलेंस चेक
सबसे बड़ा और सीधा असर वाला बदलाव यही है कि अब किसी भी UPI ऐप पर आप एक दिन में केवल 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकते हैं। यह रिक्वेस्ट यूजर को खुद ही मैन्युअली करनी होगी — कोई भी ऐप बैकग्राउंड में खुद से बैलेंस चेक नहीं कर सकेगा। साथ ही, जब सर्वर पर लोड ज्यादा होगा, तब ऐप को बैलेंस चेक करने की प्रक्रिया को धीमा करने या अस्थायी रूप से रोकने की तकनीक भी अपनानी होगी। इसका मकसद सिस्टम की ओवरलोडिंग से बचाव और ट्रांजैक्शन में स्थिरता लाना है।
हर पेमेंट के बाद बैलेंस शो — अलग से चेक करने की जरूरत नहीं
नए नियम के तहत अब हर UPI पेमेंट के बाद यूजर को ऑटोमैटिकली उनका बैंक बैलेंस भी दिखाई देगा, जिससे अलग से बैलेंस चेक करने की आवश्यकता कम होगी। यह बदलाव न केवल यूजर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाएगा, बल्कि नेटवर्क पर अनावश्यक ट्रैफिक भी कम करेगा।
Linked Accounts देखने पर भी लिमिट — अब रोजाना सिर्फ 25 बार
NPCI ने ‘List Account API’ के तहत भी नियम सख्त किए हैं। अब कोई भी यूजर किसी एक UPI ऐप से रोजाना केवल 25 बार ही अपने लिंक किए गए बैंक खातों की डिटेल्स देख सकता है। इस प्रक्रिया के लिए यह जरूरी होगा कि यूजर पहले ऐप में बैंक चुन चुका हो और हर बार डिटेल्स देखने के लिए यूजर की एक्सप्लिसिट परमिशन जरूरी होगी।
UPI Autopay पर भी लगी नई पाबंदियां
ऑटोपे फीचर का उपयोग करने वालों के लिए भी अब बदलाव लागू हो गए हैं। नए नियम के अनुसार, सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे से रात 9:30 बजे तक के बीच कोई भी ऑटोपे ट्रांजैक्शन प्रोसेस नहीं किया जाएगा। इसके अलावा, हर ऑटोपे ट्रांजैक्शन को अधिकतम चार बार (1 मूल प्रयास और 3 री-ट्राय) ही प्रोसेस करने की अनुमति होगी।
नियमों की अनदेखी पर सख्त कार्रवाई
NPCI ने यह भी साफ किया है कि जो भी बैंक या UPI ऐप्स इन नए नियमों का पालन नहीं करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे। इनमें API ब्लॉक करना, जुर्माना लगाना या नए कस्टमर्स को जोड़ने से रोक देना जैसे सख्त एक्शन शामिल हैं।

Author: manoj Gurjar
मनोज गुर्जर पिछले 5 वर्षों से डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में सक्रिय हैं और खेल, राजनीति और तकनीक जैसे विषयों पर विशेष रूप से लेखन करते आ रहे हैं। इन्होंने देश-दुनिया की बड़ी घटनाओं को गहराई से कवर किया है और पाठकों तक तथ्यात्मक, त्वरित और विश्वसनीय जानकारी पहुँचाने का काम किया है।