जयपुर: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के दो दिवसीय जयपुर दौरे ने राजस्थान की सियासत में नई हलचल पैदा कर दी है। गुरुवार, 26 दिसंबर को जयपुर पहुंचे नड्डा भाजपा मुख्यालय में पार्टी नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठकें करेंगे। इस दौरे के मद्देनजर राज्य सरकार के मंत्रिमंडल और संगठन में बदलाव की अटकलें तेज हो गई हैं।
मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरे ने बढ़ाई चर्चाएं
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के हालिया दिल्ली दौरों ने बदलाव की संभावनाओं को और बल दिया है। इन नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जेपी नड्डा समेत अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की है। ऐसे में सियासी गलियारों में चर्चा है कि भजनलाल मंत्रिमंडल में वसुंधरा राजे गुट के विधायकों को स्थान दिया जा सकता है। भजनलाल मंत्रिमंडल में अभी 24 मंत्री हैं, जबकि अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। इस स्थिति में 6 और विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। संभावित नामों में कालीचरण सराफ, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, अनिता भदेल और श्रीचंद कृपलानी जैसे वरिष्ठ नेता शामिल हैं।
संगठन में नई जिम्मेदारियां
विधानसभा चुनाव में हार के बाद से प्रदेश के वरिष्ठ नेता राजेंद्र राठौड़ और सतीश पूनिया को किसी बड़ी जिम्मेदारी से वंचित रखा गया है। अब उन्हें संगठन में प्रमुख भूमिका मिलने की संभावना है। इसके अतिरिक्त, उन्हें विभिन्न आयोगों का नेतृत्व सौंपा जा सकता है। जेपी नड्डा के दौरे को भाजपा की आगामी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। इस दौरान पार्टी 2028 के विधानसभा चुनावों के लिए संगठन और सरकार की नई दिशा तय कर सकती है। जेपी नड्डा का जयपुर दौरा न केवल मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावनाओं को मजबूती दे रहा है, बल्कि संगठन में नए चेहरे उभरने का मार्ग भी प्रशस्त कर सकता है। अगले दो दिन राजस्थान की सियासत के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।