राजस्थान के झुंझुनूं जिले के चिड़ावा कस्बे में 16 दिसंबर को हुई फायरिंग और एक करोड़ रुपये की रंगदारी मांगने के मामले में पुलिस ने चार सप्ताह बाद मुख्य आरोपी सहित तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने इस कार्रवाई के लिए करीब 6,000 किलोमीटर तक आरोपियों का पीछा किया। इस मामले में पहले से ही दो आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं। यह घटना इलाके में तनाव और डर का कारण बनी हुई थी। लेकिन इन गिरफ्तारियों के बाद 15 जनवरी को प्रस्तावित चिड़ावा बंद का आह्वान भी स्थगित कर दिया गया है, जिससे पुलिस और प्रशासन ने राहत की सांस ली है।
फायरिंग की घटना: क्षेत्रीय गैंग का आतंक
16 दिसंबर को चिड़ावा के मिठाई व्यापारी गगनदीप राव की दुकान पर बाइक सवार बदमाशों ने धमकी भरी पर्ची फेंकी और पिस्तौल से फायरिंग की। पर्ची में लिखा था:
“एक करोड़ रुपये तैयार रखो, वरना अगली बार गोली दुकान पर नहीं, सीधे तुम पर चलेगी।” पर्ची के नीचे “क्षत्रिय गैंग” का नाम लिखा हुआ था और इसके तहत तीन नाम दर्ज थे: दीप चौराड़ी, प्रदीप पहलवान, और प्रिंस डीडवाना। धमकी से सहमे दुकान में मौजूद लोग तुरंत काउंटर के नीचे छिप गए, जिससे कोई हताहत नहीं हुआ। घटना के बाद व्यापारी ने तुरंत पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई।
गैंग का नेटवर्क और पुलिस की जांच
डीआईजी शरद चौधरी ने बताया कि आरोपियों का संबंध क्षत्रिय गैंग से है, जिनके संपर्क न केवल राजस्थान, बल्कि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, और यहां तक कि विदेशों तक फैले हुए हैं। घटना के बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 6-9 टीमों का गठन किया। इन टीमों ने आरोपियों का राजस्थान, हरियाणा, और मध्य प्रदेश में पीछा किया। जांच के दौरान यह भी पता चला कि आरोपियों ने व्यापारी को व्हाट्सऐप पर संदेश भेजकर बैंक खाता नंबर तक दिया था, जिससे रंगदारी की राशि मांगी गई।
मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी
चार हफ्तों की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी दीप चौराड़ी को मध्य प्रदेश के सागर जिले के एक गांव से गिरफ्तार किया। प्रदीप पहलवान को झुंझुनूं के बुहाना इलाके से और प्रिंस डीडवाना उर्फ प्रतीक सिंह राठौड़ को जयपुर से पकड़ा गया। गिरफ्तारी के बाद यह खुलासा हुआ कि प्रिंस और दीप जयपुर के करधनी थाना क्षेत्र में हुए एक अन्य हत्या मामले में भी वांटेड थे।
पुलिस और प्रशासन की चुनौती
यह मामला पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया था, क्योंकि बदमाश फायरिंग के बाद भी धमकियां देते रहे। एक डीएसपी रैंक के अधिकारी को भी धमकी दी गई थी। इसके अलावा, घटना ने व्यापारियों में दहशत पैदा कर दी थी, जिसके चलते चिड़ावा बंद का आह्वान किया गया था।
परिवार और व्यापारियों को मिली राहत
मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद व्यापारी गगनदीप राव और उनके परिवार ने राहत की सांस ली। व्यापारी समुदाय ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना की और चिड़ावा बंद को स्थगित करने का फैसला किया।
आगे की कार्रवाई
डीआईजी चौधरी ने कहा कि गैंग के अंतरराज्यीय और अंतरराष्ट्रीय कनेक्शनों की भी जांच की जा रही है। पुलिस इस केस को सुलझाने के लिए गैंग के अन्य सदस्यों और उनके नेटवर्क को खत्म करने के प्रयास में जुटी है। यह घटना न केवल क्षेत्र में कानून-व्यवस्था की गंभीरता को दर्शाती है, बल्कि राजस्थान पुलिस की तत्परता और दक्षता का भी उदाहरण है।