द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में नया इनकम टैक्स बिल 2025 पेश कर दिया। इस बिल का मकसद 1961 के पुराने इनकम टैक्स एक्ट की जगह लेना है, जिसे बार-बार संशोधित किए जाने के कारण अब जटिल माना जाने लगा है।
कानून का सरलीकरण मुख्य फोकस
नया इनकम टैक्स बिल 2025 करदाताओं के लिए टैक्स कानूनों को आसान और स्पष्ट बनाने पर केंद्रित है। बिल के अनुसार, सेक्शन 80C जैसे प्रमुख कर प्रावधानों को सेक्शन 123 के तहत लाया जाएगा। इससे जुड़ी सभी कटौतियों जैसे PPF, NPS, ELSS और जीवन बीमा प्रीमियम पर 1.5 लाख रुपये तक की छूट नए सेक्शन 123 में दी जाएगी।
कानून बनने में लगेगा समय
नया बिल पेश होने के बाद इसे अब वित्त पर संसदीय स्थायी समिति को भेजा गया है, जो अगले सत्र के पहले दिन अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद ही यह कानून का रूप लेगा।
क्या-क्या बदलेगा?
- सेक्शन घटाए गए: 1961 के कानून में मौजूद 819 सेक्शन को घटाकर 536 सेक्शन कर दिया गया है।
- शब्दों में कमी: 5 लाख शब्दों से बने पुराने कानून को 2.5 लाख शब्दों में सरलता से लिखा गया है।
- नया नाम: ‘असेसमेंट ईयर’ को ‘टैक्स ईयर’ से रिप्लेस किया जाएगा।
- लागू होने की तारीख: नया कानून 1 अप्रैल 2026 से प्रभावी होगा।
सेक्शन 123 क्या है?
TaxAaram.com के फाउंडर मयंक मोहांका के अनुसार, सेक्शन 123 मौजूदा सेक्शन 80C जैसा ही होगा, जिसमें 1.5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट की सुविधा जारी रहेगी।
क्या नहीं बदलेगा?
नया इनकम टैक्स बिल मौजूदा टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं करेगा और न ही मौजूदा टैक्स छूटों में कटौती करेगा। सरकार का उद्देश्य सिर्फ पुराने कानून को समयानुसार अपडेट करना है।
आगे क्या?
बिल को पहले चयन समिति द्वारा समीक्षा की जाएगी और फिर इसे संसद में बहस के बाद मंजूरी मिलेगी। टैक्सपेयर्स को अब 2026 से इस नए और आसान टैक्स कानून के तहत टैक्स भरने के लिए तैयार रहना होगा। टैक्सपेयर्स के लिए यह एक बड़ी राहत है क्योंकि नया कानून सरलीकृत होगा, जिससे उन्हें जटिलताओं से बचने में मदद मिलेगी।
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