प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब नदी पर बने विश्व के सबसे ऊंचे रेलवे पुल – चिनाब ब्रिज – का भव्य उद्घाटन किया। यह पुल केवल एक इंजीनियरिंग चमत्कार नहीं, बल्कि एक रणनीतिक और राजनीतिक प्रतीक भी बन गया है, खासकर जब प्रधानमंत्री मोदी ने उद्घाटन से पहले हाथ में तिरंगा लेकर उस पर चहलकदमी की।
तिरंगा लेकर PM मोदी की चहलकदमी – संदेश साफ था
पीएम मोदी जब पुल पर तिरंगा लेकर चलते नजर आए, तो वह दृश्य सिर्फ एक उद्घाटन समारोह नहीं, बल्कि एक सशक्त संदेश था — “जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और कोई ताकत इसे भारत से अलग नहीं कर सकती।” इस मौके पर उनके साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, डॉ. जितेंद्र सिंह, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद रहे।
पुल का सामरिक और रणनीतिक महत्व
359 मीटर की ऊंचाई पर बना यह स्टील आर्च ब्रिज एफिल टॉवर से भी ऊंचा है और उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का अहम हिस्सा है। यह पुल न सिर्फ आम नागरिकों की आवाजाही को आसान बनाएगा, बल्कि भारतीय सेना के लिए रसद और तैनाती के लिहाज से भी एक बड़ी सुविधा साबित होगा। सेना के लिए जम्मू-कश्मीर में रणनीतिक मूवमेंट अब पहले से कहीं ज्यादा तेज और सुरक्षित होगा।
निर्माण में झलकी इंजीनियरिंग उत्कृष्टता
करीब 1,315 मीटर लंबा यह पुल अत्याधुनिक तकनीकों और सुरक्षा मानकों के अनुसार डिजाइन किया गया है। इसे भूकंप, तेज़ हवाओं और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए विशेष तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने में देश के सैकड़ों इंजीनियरों और मजदूरों ने अथक मेहनत की, जिनसे पीएम मोदी ने विशेष रूप से मुलाकात कर उन्हें धन्यवाद कहा।
पाकिस्तान और चीन को दिया परोक्ष संदेश
मोदी सरकार द्वारा चिनाब ब्रिज के उद्घाटन को जिस अंदाज़ में प्रस्तुत किया गया, वह अपने आप में भारत के पड़ोसी देशों — पाकिस्तान और चीन — के लिए एक कड़ा संदेश है। यह बताता है कि भारत अपनी सीमाओं में कनेक्टिविटी, सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर कितना सजग और प्रतिबद्ध है।
चिनाब ब्रिज का उद्घाटन सिर्फ एक बुनियादी ढांचे की शुरुआत नहीं, बल्कि भारत की एकता, संप्रभुता और तकनीकी ताकत का प्रदर्शन है। पीएम मोदी की तिरंगा यात्रा ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अपने हर कोने को जोड़ने और उसे सशक्त बनाने की दिशा में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है।
