बाल विवाह के खिलाफ मशाल लेकर अलख जगाने उतरीं महिलाएं और बालिकाएं

बारां! राजस्थान पूरे देश में चल रहे “बाल विवाह मुक्त भारत” अभियान के तहत 16 अक्टूबर को मनाए गए बाल विवाह मुक्त भारत दिवस के मौके पर गैर सरकारी संगठन राजस्थान महिला कल्याण मण्डल, चाचियावास के द्वारा राजस्थान के 5 जिलों अजमेर, बीकानेर, चुरू, झुन्झुनु और बीकानेर में 200 से अधिक जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इन कार्यक्रमों में 15 हजार से अधिक महिलाओं, बच्चों और आम लोगों ने शपथ ली कि वे न तो बाल विवाह का समर्थन करेंगे और न इसे बर्दाश्त करेंगे। बड़े पैमाने पर हुए इन कार्यक्रमों में (प्रमुख अतिथियों के नाम) सहित (मनोज जी मिल, अध्यक्ष उपभोक्ता मंच)., भावनाशर्मा, रजनीश जी, ने लोगों ने हिस्सा लिया और इसे सफल बनाने में योगदान दिया।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 5 (एनएचएफएस-2019-21 ) के आंकड़ों के अनुसार पूरे देश में 20 से 24 आयुवर्ग के बीच की 23.3 प्रतिशत युवतियों का विवाह 18 वर्ष की होने से पहले ही हो गया था अतः कैलाष सत्यार्थी चिल्ड्रन्स फाउण्डेषन के द्वारा स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से भारत में बाल विवाह को कम करने के लिए अभियान चलाया गया है। कार्यकर्ता रानीशिखा गुप्ता ने बताया कि बाल विवाह मुक्त भारत अभियान देश के 300 से भी ज्यादा जिलों में चलाया जा रहा है। भारत से 2030 तक बाल विवाह के समग्र खात्मे के लक्ष्य के साथ पूरी तरह से महिलाओं के नेतृत्व में चल रहे इस अभियान से देश के 160 गैर सरकारी संगठन जुड़े हुए हैं। सोलह अक्टूबर को इस अभियान का एक साल पूरा हुआ है। इस अर्से में पूरे देश में हजारों बाल विवाह रुकवाए गए और लाखों लोगों ने अपने गांवों और बस्तियों में बाल विवाह का चलन खत्म करने की शपथ ली।

गांवों में पूरे दिन इस अभियान के समर्थन में उतरे लोगों की चहल पहल रही और इस दौरान (दिन भर किए गए कार्यक्रमों के ब्योरे) जैसे तमाम कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। सूरज ढलने के बाद हजारों लोगों ने हाथों में मशाल लेकर मार्च भी किया और लोगों को जागरूक करते हुए संदेश दिया कि नए भारत में बाल विवाह की कोई जगह नहीं है। इस मार्च में स्कूली बच्चों, ग्रामीणों, धार्मिक नेताओं सहित समाज के सभी वर्गों और समुदायों के लोगों ने हिस्सा लिया। इस मार्च का मकसद गांवों और कस्बों में लोगों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करना था। इस दौरान विवाह समारोहों में अपनी सेवाएं देने वालों जैसे कि शादियों में खाना बनाने वाले हलवाइयों, टेंट-कुर्सी लगाने वालों, फूल माला बेचने व सजावट करने वालों, पंडित और मौलवी जैसे पुरोहित वर्ग को जागरूक करने पर विशेष ध्यान दिया गया।

राजस्थान महिला कल्याण मण्डल के निदेशक राकेश कुमार कौषिक ने कहा, “बाल विवाह वो अपराध है जिसने सदियों से हमारे समाज को जकड़ रखा है। लेकिन नागरिक समाज और राजस्थान सरकार द्वारा राज्य को बाल विवाह मुक्त बनाने के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता और प्रयास जल्द ही एक ऐसे माहौल और तंत्र का मार्ग प्रशस्त करेंगे जहां बच्चों के लिए ज्यादा सुरक्षित और निरापद वातावरण होगा। इन दोनों द्वारा साथ मिल कर उठाए गए कदमों और लागू किए गए कानूनों के साथ समाज व समुदाय की भागीदारी 2030 तक बाल विवाह मुक्त भारत सुनिश्चित करेंगी।” अभियान की गतिविधियों में संस्था के जिला कार्यालय से राजेंद्र सिंह, महेंद्र सिंह, रानी शिखा, चेतन शर्मा, अनीता जी समर्थक( समर्थन देते हुए उपस्थित लोगों के नाम), मंजिता, राधे श्याम, करिश्मा, मीनाक्षी, निशा, आनंद, सुनील, नरेश, सरोज भावना शर्मा, संतोष कटेवा, सुमन, रजनीश रानी शिखा आदि ने भाग लिया।

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