अनचाहे गर्भ को रोकने के लिए बाजार में गर्भनिरोधक गोलियां या इंजेक्शन उपलब्ध हैं। लेकिन कहीं न कहीं इसका असर महिलाओं की सेहत पर पड़ता है। महिलाओं के हार्मोन में बदलाव होते हैं। लेकिन कंडोम के इस्तेमाल से हार्मोन में कोई बदलाव नहीं होता है। सेहत पर किसी तरह का साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिलता है।
लेटेक्स कंडोम
महिला कंडोम मुलायम और पतले सिंथेटिक लेटेक्स से बने होते हैं। इसे योनी में पहना जाता है। इंटरकोर्स के दौरान स्पर्म और एग नहीं मिलते हैं। जिससे अनचाहे गर्भ से बचा जा सकता है।
पुरुष और महिला कंडोम के बीच अंतर
महिला कंडोम पुरुष कंडोम की तरह ही काम करता है। यह एक बड़े कंडोम की तरह है। वजाइना में डालने वाली इसकी आंतरिक रिंग थोड़ी लचीली होती है। जबकि बाहरी रिंग वजाइना से एक इंच बाहर रहती है।
पहली बार में दिक्कत हो सकती है
हालांकि पहली दफा में इसे योनी यानी वजाइना में डालना कठिन लगता है। लेकिन सही तरीके से लगाने पर यह काफी प्रभावशाली साबित होता है। हालांकि यौन क्रिया के दौरान अधिक आवाज आ सकती है, इसे रोकने के लिए कंडोम के अंदर चिकनाई का प्रयोग करना चाहिए।
कंडोम को योनि में इस तरह डालें
कंडोम खोलें और बंद सिरे के साथ एक छोटी सी अंगूठी को कंडोम में डालें, हल्के से दबाएं। फिर इसे अंदर डाल दें। उसके बाद, सुनिश्चित करें कि खुले सिरे पर बड़ी रिंग ढक्कन के करीब के सभी क्षेत्रों को कवर करती है।
एक बार इस्तेमाल के बाद इसे फेंक दें
संभोग से कुछ घंटे पहले महिला कंडोम लगाया जा सकता है। इतना ही नहीं इसे पहनकर आप टॉयलेट भी जा सकते हैं। लेकिन याद रखें। सेक्स के बाद इसे निकालकर फेंक देना चाहिए।
गर्भावस्था के खिलाफ 95% सुरक्षा
अगर सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो महिला कंडोम गर्भधारण से 95% तक सुरक्षा प्रदान करता है। लेकिन इसे लगाते समय सावधानी बरतनी चाहिए। क्योंकि कई बार यह योनी में गिर जाता है या गलत तरीके से रखने पर फट भी सकता है। महिला कंडोम खरीदने के लिए किसी नुस्खे की आवश्यकता नहीं है। हालांकि, यह पुरुष कंडोम की तुलना में थोड़ा महंगा होता है। लेकिन आप इसे किसी फार्मेसी में खरीद सकते हैं।