गांव से शव तक पहुंचने का नहीं था कोई रास्ता, तो गुस्साए परिजन व ग्रामीण वृद्धा के शव को मोर्चरी ले जाते समय शव को नष्ट करने व शिकायतें करने की बात कहकर आम गली में रख गए. हिंदू संस्कृति में एक कहावत है कि जिस आदमी को जीते जी जगह न मिले, उसे श्मशान में जगह जरूर मिलती है। लेकिन यहां हालात ऐसे हो गए कि श्मशान पर जाने का कोई रास्ता नहीं बचा तो दौसा के सिकराय के संवासा गांव में सड़क की समस्या के चलते बुजुर्ग की अर्थी को बीच में रखकर बैठ गए।
स्थानीय लोगों का कहना है कि दबंगों ने आम रास्ते में कब्जा कर रखा है। सनवास गांव में रविवार शाम एक वृद्ध की मौत हो गई। श्मशान की ओर जाने वाले आम रास्ते में तारबंदी कर दबंगों ने संवासा गांव से श्मशान तक पहुंचने के रास्ते पर कब्जा किया हुआ है। ऐसा नहीं है कि संस्था को श्मशान की ओर जाने वाली सड़क पर होने वाले कब्जा की खबर नहीं है, लेकिन वह इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं करती. पूरे मामले की जानकारी मिलने पर सिकराय तहसीलदार दिनेश मीना, नायब तहसीलदार व कांस्टेबल मय जाब्ता को मौके पर भेजा गया, जिससे उन्हें दो घंटे तक बैठना पड़ा। लेकिन इस लेख को लिखे जाने तक इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ है.
वहां के लोगों का कहना है कि जब तक कोई स्थाई समझौता नहीं हो जाता तब तक वे इसी तरह से निकाय का विरोध करते रहेंगे. हाल के वर्षों में, श्मशान घाट भूमि पर पर दबंगों के अतिक्रमण के चलते अर्थी को ले जाने में कठिनाइयाँ आई हैं। इस घटना को लेकर स्थानीय लोगों में गुस्सा है. ग्रामीण स्थाई समाधान की मांग करते आ रहे हैं।
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